मौलाना अबुल कलाम आजाद धारासन सत्याग्रह के अहम क्रांतिकारी थे : ओंमकार सिंह

बदायूँ जनमत । आज दिनाँक 23 फरवरी 2019 को अल्पसंख्यक विभाग जिला कांग्रेस कमेटी बब्बू चौधरी के केम्प कार्यालय पर एक गोष्ठी का अयोजन देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के 61वी पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित हुआ ।
गोष्ठी में प्रदेश कमेटी के महासचिव ओमकार सिंह मुख्यतिथि के रूप में मौजूद रहे, मौजूद कांग्रेसजन एवम कार्यकर्ता को संबोधित करते हुए मुख्यतिथि ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद धारासन सत्याग्रह के अहम इन्कलाबी (क्रांतिकारी) थे । वे 1940-45 के बीट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे जिस दौरान भारत छोड़ो आन्दोलन हुआ था । कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेताओं की तरह उन्हें भी तीन साल जेल में बिताने पड़े थे । स्वतंत्रता के बाद वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने और उन्होंने ग्यारह वर्षों तक राष्ट्र की शिक्षा नीति का मार्गदर्शन किया । मौलाना आज़ाद को ही 'भारतीय प्रद्योगिकी संस्थान' अर्थात 'आई.आई.टी.' और 'विश्वविद्यालय अनुदान आयोग' की स्थापना का श्रेय है । उन्होंने शिक्षा और संस्कृति को विकिसित करने के लिए उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना की । गोष्टि की अध्यक्षता कर रहे बब्बू चौधरी ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद केंद्रीय सलाहकार शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष होने पर सरकार से केंद्र और राज्यों दोनों के अतिरिक्त विश्वविद्यालयों में सारभौमिक प्राथमिक शिक्षा, 14 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा, कन्याओं की शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कृषि शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसे सुधारों की वकालत की ।
गोष्टि का संचालन विचार विभह वाइस चेयरमैन रफत अली खान सूरी ने की, इस अवसर पर जमशेद तुर्क, शफी अहमद, साजिद, मंसूर अली, तनवीर, हाजी की, रेहान खान, लालमियाँ आदि कांग्रेसजन मौजूद रहे ।
मौलाना अबुल कलाम आजाद के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए काँग्रेसी : जनमत एक्सप्रेस ।

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