मुसलमानों के हक़ के लिए पूर्वमंत्री आबिद रज़ा के आवास पर हुई चर्चा

बदायूँ जनमत । आज शनिवार को पूर्व मंत्री व सदर विधायक आबिद रजा के आवास पर जिले के प्रमुख मुस्लिम नेताओं की एक बैठक आयोजित हुई जिसमें, मुसलमानों केे राजनैतिक हक की चर्चा हुई ।
बैठक में कहा गया कि आज जो राजनैतिक हालात से हिंदुस्तान गुज़र रहा है उसमें आम मुसलमान के वोट की अहमियत का ग्राफ लगातार कम हो रहा है । यह हम सबके लिए बहुत गंभीर चिंता का विषय है । हम मुस्लिम नेताओं की जिम्मेदारी है कि हमें अपनी वह सारी कोशिशें करनी चाहिए जिससे मुसलमानों के वोट की अहमियत कायम रह सके ।
प्रजातंत्र में वोट की अहमियत बहुत होती है। हर उस कौम की तरक्की (आर्थिक, शिक्षा) हुई है जिस कौम ने जिसको वोट देकर उसको जिताने में हिस्सेदारी की और वोट की हिस्सेदारी से ताकत आने के बाद अपनी कौम और तरक्की के लिए (दिए गए वोट के प्रतिशत से) हिस्सेदारी भी मांगी और पूरे कौम के लिए किए गए कार्यों का लेखा जोखा रखा पूरी राजनैतिक जागरूकता के साथ अपने वोट का इस्तेमाल किया तथा अपनी कौम में एकजुटता बनाए रखी उन्हीं कौमो की की देश की आजादी के बाद तरक्की हुई।
चूँकि हमारी मुसलमान कौम में राजनैतिक जागरूकता की कमी पैदा हो रही है इसकी जिम्मेदारी हम मुस्लिम नेताओं की भी है शिक्षा की कमी के कारण मुसलमान वोट का महत्व नहीं समझते । नौजवान चुनाव को खेल समझने लगे ।
हमें किसी धर्म जाति के विरोध के बिना मुसलमानों को राजनैतिक तौर पर जागरूक करना चाहिए। प्रजातंत्र के देश में आम मुसलमानों में राजनैतिक जागरुकता नहीं बढ़ाई गई तो गरीब बेरोजगार मुसलमानो की तरक्की नामुमकिन हो जाएगी । जिसे वोट दो (प्रधान, चेयरमैन ,विधायक ,सांसद के चुनाव) उससे पूरे अपनी कौम की तरक्की का 5 साल का हिसाब मांगो । उसने आम मुसलमानों की तरक्की के लिए क्या-क्या किया अगर यह पूछने लगोगे तो कोई भी नेता आपका वोट लेकर आपको सिर्फ एक बार बेवकूफ बना सकता है चूँकि लोगो को  मुसलमानों का वोट लेकर मुसलमानों को पांच साल का हिसाब नहीं देना पड़ता इसलिए मुसलमान वोट की अहमियत कम हो रही है । इसलिए हम मुस्लिम नेताओं की जिम्मेदारी है हम लोगों को यह कोशिश करनी चाहिए मुसलमान के वोट की अहमियत बनी रहे हम मुस्लिम नेताओं की जिम्मेदारी है जो मुसलमान हमारे कहने से जिसे वोट दें हमें उस नेता से आम मुसलमानों के लिए किए गए कार्यों की जानकारी मांगनी चाहिए ।
मीटिंग में वजीरगंज चेयरमैन उमर कुरैशी, बिसौली चेयरमैन अबरार अहमद ,पूर्व चेयरमैन सहसवान नूरुद्दीन, पूर्व चेयरमैन फैजगंज बेहटा मेहरबान खां, पूर्व चेयरमैन फातिमा रजा, चेयरमैन प्रत्याशी सैदपुर अनवर अली खान, पूर्व वाइस चेयरमैन राशिद मियां, समाजसेवी बिसौली वसीम खान, सहसवान के सलीम अहमद ने संयुक्त रूप से आम मुसलमानों के हक में विचार रखें ।

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