मस्जिदों के इमाम एवं मंदिरों के पुजारी को भी मिलना चाहिए सरकारी भत्ता : आबिद रज़ा

बदायूँ जनमत । जिले की मस्जिदो के इमामो का जिला स्तरीय सम्मेलन पूर्व राज्य मंत्री आबिद रजा की अध्यक्षता में शहर के लालपुल स्थित आरफीन मैरिज लॉन में संपन्न हुआ । सम्मेलन में लगभग 200 इमामो ने हिस्सा लिया । सर्वप्रथम जिले से आए सभी मस्जिदों के इमामों ने आबिद रजा द्वारा चलाए जा रहे "मिशन मुस्लिम राजनैतिक अभियान" का समर्थन किया और कहा यह मुसलमानों के राजनैतिक मुस्तकबिल एवं तरक्की के लिए बहुत अच्छा कदम है ।
सम्मेलन में आबिद रजा ने कहा कि दुनिया में दो तरह की शिक्षा देकर इंसानों की जिंदगी जीने का तरीका बताया जाता है । एक धर्म की शिक्षा जो आप लोग देते हैं दूसरी हम सियासी लोग जो जनप्रतिनिधियों के रूप में विधायक व सांसद बनकर गांव, शहर, प्रदेश में किसान, बेरोजगारों गरीब लोगों की जिंदगी में कैसे सुधार हो, उनका मुस्तकबिल कैसे अच्छा हो की जिम्मेदारी होती है इसलिए हम दोनों मिलकर इंसानों की जिंदगी के मुस्तकबिल में अहम भूमिका निभाते हैं । आप लोग धर्म की शिक्षा देते हैं । अध्यापक दुनियावी शिक्षा देता है । पर आप लोगों के साथ नाइंसाफी हो रही है जैसे सरकारे विधवा पेंशन देती है, वृद्धावस्था पेंशन देती हैं, बेरोजगारी भत्ता देती हैं, ऐसे ही धर्म गुरुओं को सरकारी पेंशन मिलना चाहिए । चाहे वह मंदिर का पुजारी हो, चाहे मस्जिद का इमाम हो, गिरीजाघर का पादरी हो या गुरुद्वारे की खिदमत करने वाला हो, दरगाहो के खादिम हो। चाहे मठ के प्रभारी हो, सबको सरकारी भत्ता मिलना चाहिए ।अभी हमारी सरकार नहीं है लेकिन हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका के माध्यम से सरकारों तक आपकी आवाज पहुंचाने का काम करूंगा ।
मौलाना लायक अली ने कहा जब भी किसी गरीब की या कौम की बात आती है तब आबिद रजा मजबूती से पार्टी फोरम पर हमारी आवाज उठाते हैं । संचालन कर रहे मौलाना अतीक उर रहमान कादरी ने कहा हमें 22% वालो ने 8% और 4% वालो को अब तक मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री बनाया है । हमें क्या मिला हम वोट तो देंगे लेकिन हर सवाल का जवाब भी मांगेंगे उन्होंने कहा जिन बड़े-बड़े टोपी वालों को पार्टी में पद दिए गए उन्होंने कौम व मिल्लत के लिए क्या किया यह बताएं। ऐसे लोगों ने कौम व मिल्लत की परवाह कभी नहीं की बल्कि अपनी कुर्सी की परवाह की। कही उनकी कुर्सी न चली जाये । कौम का अगर कोई रहनुमा है तो वह कौम व मिल्लत का शेर आबिद रज़ा है ।
अंत में आबिद रज़ा ने कहा इस मिशन को कामयाब करने के लिए हम पूरे जिले का दौरा करेंगे तथा इस मिशन के समर्थन के लिए बहुत जल्द हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा  ।
सम्मेलन मे मौलाना शमीम हुसैन कादरी, मौलाना अतीक उर रहमान कादरी, मौलाना लाइक अली, मौलाना फिदा हुसैन, मौलाना नुसरत अली, मौलाना नूरुद्दीन, मौलाना जाने आलम ,मौलाना इस्तखार, मौलाना मोहम्मद असलम कादरी ,मौलाना सद्दाम हुसैन, मौलाना नजमुल हसन, मौलाना नसीम अहमद ,मौलाना हाशिम, मौलाना तस्दीक रजा, मौलाना इफ्तिखार कादरी, मौलाना तालिब हुसैन ,मौलाना शकील अहमद, मौलाना फारूक,  मौलाना गुलाम नबी, मौलाना सुभान उल हसन, मौलाना अफरोज रजा, मौलाना बारिस हुसैन ,मौलाना इरशाद हुसैन कादरी, मौलाना सदाकत हुसैन ,मौलाना इमाम रजा ,मौलाना वली मोहम्मद, हाफिज हारुन रजा, हाफिज नबी हसन, मौलाना मेहंदी हसन, मौलाना खलील अहमद मौलाना, सलाउद्दीन, मौलाना ताहिर उद्दीन कादरी, मोहम्मद सकलेन रजा कादरी, मौलाना तालिब हुसैन, मौलाना नसरत रजा, मौलाना इब्ने हसन ,मौलाना नबी हसन, मौलाना अखलाक हुसैन, मौलाना शाहिद हुसैन ,मौलाना मारूफ कादरी ,मौलाना मोहम्मद नाजिम कादरी, मौलाना मोहम्मद फहीम रजा, मौलाना मोहम्मद शमीम रजा, मोहम्मद सलीम कादरी आदि बड़ी संख्या में इमाम हजरात मौजूद रहे ।

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