आतिफ के बाद मुस्लिम खां हुए सलीम शेरवानी की दोहरी नीति का शिकार, अब BSP प्रत्याशी हो सकते हैं मुस्लिम
बदायूँ जनमत। जिला बदायूं में बुरी तरह से अपना जनाधार खो चुके पूर्व सांसद सलीम इकबाल शेरवानी अपनी दोहरी नीति कारण विलुप्त होने के कगार पर आ चुके हैं। सलीम शेरवानी पहले ही मुसलमानों के बीच अपना नेतृत्व खो चुके हैं, बचा खुचा इस विधानसभा चुनाव में निपट जायेगा। पूर्व सांसद सलीम शेरवानी ने पिछले विधानसभा चुनाव में दातागंज की सीट को लेकर कांग्रेस नेता आतिफ खांन जख्मी को अपनी दोहरी रणनीति का शिकार बनाया था और इस बार पूर्व विधायक हाजी मुस्लिम खां उनकी भेंट चढ़ गये।
सूत्रों के अनुसार पूर्व विधायक हाजी मुस्लिम खाँ ने अपनी भारी जनसभा में सलीम शेरवानी को बुलाकर यह उम्मीद लगाई थी कि वह उनके जनाधार को देखकर पार्टी हाईकमान से टिकिट के लिए शिफारिश करेंगें। लेकिन, चर्चा है कि अब सलीम शेरवानी ने पूर्व विधायक को लेकर अपने हाथ खड़े कर लिए हैं। सच तो यह भी है कि समाजवादी पार्टी हो या बदायूं का नेतृत्व करने वाले नेता सबकी नज़रों में सलीम शेरवानी की कोई अहमियत ही नहीं बची है। यहां तक कि जिले की जनता ने भी उन्हें नकार सा दिया है।
अब कयास लगाये जा रहे हैं कि पूर्व सांसद सलीम शेरवानी की दोहरी नीति का शिकार हुए पूर्व विधायक हाजी मुस्लिम खाँ अब शेखूपुर विधानसभा से बसपा से उम्मीदवार हो सकते हैं।
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