पशुओं में गला घोंटू बीमारी का कहर, विभाग बेखबर / Janmat
बदायूँ जनमत । बारिश के मौसम के बाद पशुओं में संक्रामक बीमारियां फैलने लगी हैं । उघैती क्षेत्र में भी गला घोंटू, मुंहपका, खुरपका बीमारी की चपेट में पशु आने लगे हैं । इससे पशुपालकों में हड़कंप मचा हुआ है तो वहीं विभाग अभी तलक बेखबर है ।
उघैती क्षेत्र गाँव लौथर में पशुओं में संक्रामक बीमारियां फैलने लगी हैं । गला घोंटू, मुंहपका, खुरपका बीमारी की चपेट में पशु आने लगे हैं। इन जानलेवा बीमारियों से तहसील बिल्सी गांव लौथर में अब तक दो तीन से ज्यादा पशु दम तोड़ चुके हैं। इसके बाद भी इन संक्रामक बीमारियों की रोक के लिए विभागीय अधिकारी व अमला बेखबर दिख रहा है। गांव में ऐसा कोई परिवार नहीं है जिसके घर में पशुओं को गला घोट की बीमारियों से गुजरना नहीं पड़ रहा है पशु मालिक पशुओं को गला घोट की बीमारी देखकर बेहद परेशान हैं ।
पशुओं में हो रही संक्रामक बीमारियों को लेकर पशु मालिक बेहद परेशान हैं। बताया जा रहा है गांव वालों ने बताया कि कई बार हमने चिकित्सा अस्पताल को सूचित किया है लेकिन चिकित्सा डॉक्टर मैं अनसुनी कर दी पशु चिकित्सा अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा पशुओं का बेहतर इलाज नहीं किया जा रहा है। अधिकारियों का पशु चिकित्सकों पर किसी का कोई अंकुश नहीं है।
पशुओं में सिर्फ कागजी टीकाकरण
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ गांवों को यदि हम छोड़ दें तो बाकी गांवों में पशुओं में टीकाकरण कार्य केवल कागजों में ही किया गया है। जिसके चलते पशु संक्रामक बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं। इतना ही नहीं बीमारी पशुओं के मालिक जब इलाज के लिए पशु चिकित्सकों को सूचना देकर बुलाते हैं तो वह जानकारी मिलने के बाद भी बीमार पशुओं का इलाज नहीं करते ।
(रिपोर्ट : अकरम मलिक)
उघैती क्षेत्र गाँव लौथर में पशुओं में संक्रामक बीमारियां फैलने लगी हैं । गला घोंटू, मुंहपका, खुरपका बीमारी की चपेट में पशु आने लगे हैं। इन जानलेवा बीमारियों से तहसील बिल्सी गांव लौथर में अब तक दो तीन से ज्यादा पशु दम तोड़ चुके हैं। इसके बाद भी इन संक्रामक बीमारियों की रोक के लिए विभागीय अधिकारी व अमला बेखबर दिख रहा है। गांव में ऐसा कोई परिवार नहीं है जिसके घर में पशुओं को गला घोट की बीमारियों से गुजरना नहीं पड़ रहा है पशु मालिक पशुओं को गला घोट की बीमारी देखकर बेहद परेशान हैं ।
पशुओं में हो रही संक्रामक बीमारियों को लेकर पशु मालिक बेहद परेशान हैं। बताया जा रहा है गांव वालों ने बताया कि कई बार हमने चिकित्सा अस्पताल को सूचित किया है लेकिन चिकित्सा डॉक्टर मैं अनसुनी कर दी पशु चिकित्सा अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा पशुओं का बेहतर इलाज नहीं किया जा रहा है। अधिकारियों का पशु चिकित्सकों पर किसी का कोई अंकुश नहीं है।
पशुओं में सिर्फ कागजी टीकाकरण
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ गांवों को यदि हम छोड़ दें तो बाकी गांवों में पशुओं में टीकाकरण कार्य केवल कागजों में ही किया गया है। जिसके चलते पशु संक्रामक बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं। इतना ही नहीं बीमारी पशुओं के मालिक जब इलाज के लिए पशु चिकित्सकों को सूचना देकर बुलाते हैं तो वह जानकारी मिलने के बाद भी बीमार पशुओं का इलाज नहीं करते ।
(रिपोर्ट : अकरम मलिक)
टिप्पणियाँ