कवयित्री सोनरूपा विशाल के गीत संग्रह 'पिछले बरस का गुलमोहर' का लोकार्पण 18 जून को
बदायूँ जनमत । कवयित्री सोनरूपा विशाल के गीत संग्रह 'पिछले बरस का गुलमोहर' का लोकार्पण 18 जून मंगलवार को शहर के होटल कंट्री इन में शाम 6 बजे होगा । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह एवं विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी रहेंगे ।
इस अवसर पर साहित्य प्रेमियों के लिए एक गीत सन्ध्या 'गीत सान्निध्य' का भी कार्यक्रम रखा गया है । जिसमें देश के सुनाम धन्य गीतकार नवगीतकार माहेश्वर तिवारी, डॉ कुँवर बेचैन, डॉ बुद्धिनाथ मिश्र, दिनेश प्रभात, डॉ विष्णु सक्सेना एवं डॉ सर्वेश अस्थाना पधार रहे हैं ।
विख्यात कवि डॉ उर्मिलेश की ज्येष्ठ पुत्री सोनरूपा की ये तीसरी कृति है । इससे पहले उनका ग़ज़ल संग्रह 'लिखना ज़रूरी है' और इसी वर्ष जनवरी में उनका एक यात्रा संस्मरण 'अमेरिका और पैंतालीस' दिन प्रकाशित हुआ है जिसका लोकार्पण विश्व पुस्तक मेले में प्रख्यात कवि प्रोफेसर अशोक चक्रधर एवं जाने माने कवि डॉ कुमार विश्वास ने किया था ।
अपने पहले ग़ज़ल संग्रह 'लिखना ज़रूरी है' के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान से हरिवंश राय बच्चन पुरस्कार से पुरस्कृत भी किया चुका है ।
18 जून को होने वाले इस साहित्यिक आयोजन की जानकारी डॉ उर्मिलेश जन चेतना समिति के आजीवन सदस्य विशाल रस्तोगी एवं सचिव डॉ अक्षत अशेष ने दी ।
इस अवसर पर साहित्य प्रेमियों के लिए एक गीत सन्ध्या 'गीत सान्निध्य' का भी कार्यक्रम रखा गया है । जिसमें देश के सुनाम धन्य गीतकार नवगीतकार माहेश्वर तिवारी, डॉ कुँवर बेचैन, डॉ बुद्धिनाथ मिश्र, दिनेश प्रभात, डॉ विष्णु सक्सेना एवं डॉ सर्वेश अस्थाना पधार रहे हैं ।
विख्यात कवि डॉ उर्मिलेश की ज्येष्ठ पुत्री सोनरूपा की ये तीसरी कृति है । इससे पहले उनका ग़ज़ल संग्रह 'लिखना ज़रूरी है' और इसी वर्ष जनवरी में उनका एक यात्रा संस्मरण 'अमेरिका और पैंतालीस' दिन प्रकाशित हुआ है जिसका लोकार्पण विश्व पुस्तक मेले में प्रख्यात कवि प्रोफेसर अशोक चक्रधर एवं जाने माने कवि डॉ कुमार विश्वास ने किया था ।
अपने पहले ग़ज़ल संग्रह 'लिखना ज़रूरी है' के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान से हरिवंश राय बच्चन पुरस्कार से पुरस्कृत भी किया चुका है ।
18 जून को होने वाले इस साहित्यिक आयोजन की जानकारी डॉ उर्मिलेश जन चेतना समिति के आजीवन सदस्य विशाल रस्तोगी एवं सचिव डॉ अक्षत अशेष ने दी ।
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