बदायूं के डीएम दिनेश कुमार सिंह का जौनपुर तबादला, नए डीएम दो बार हो चुके हैं निलंबित
जनमत एक्सप्रेस । शासन स्तर से देर रात यूपी के 13 आईएएस अफसरों के तबादला कर दिए गए हैं। इसमें बदायूं के डीएम दिनेश कुमार सिंह को जौनपुर का डीएम बनाकर भेजा गया है, वहीं विशेष सचिव आईटी विभाग के. प्रशांत को बदायूं का डीएम बनाकर भेजा गया है। डीएम दिनेश कुमार ने करीब दो वर्ष के कार्यकाल में बदायूं के लिए इतनी मेहनत की, जिसके लिए जिले की जनता सोच भी नहीं सकती थी। इसीलिए हमेशा जनता के लिए सीधे संपर्क में रहे और लोगों की शिकायतों पर तत्काल संज्ञान लेते थे । मगर चौंकाने वाली तो यह है कि शासन ने जिन डीएम के. प्रशासन को बदायूं बनाकर भेजा है। वह घोटालों में फंसे हुए हैं और दो बार निलंबित भी रह चुके हैं ।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गेहूं खरीद और सरकारी अनाज वितरण में गड़बड़ियों पर सख्त रूख अपनाते हुए फतेहपुर के डीएम रहे कुमार प्रशांत और गोण्डा के डीएम जेबी सिंह समेत कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। मुख्यमंत्री के पास खाद्य विभाग भी है। फतेहपुर में गेहूं खरीद में गड़बड़ी पायी गई थी। बताया जाता है कि 31 मई को खाद्य विभाग के विशेष सचिव और अपर आयुक्त ने गेहूं खरीद केन्द्रों की जांच की थी ।
जांच में पाया गया कि 13 मई के बाद से वहां कोई भी खरीद नहीं हुई थी और न ही इसका कोई औचित्य बताया गया था। इस मामले में वह निलंबित किए गए थे। इससे पहले चंदौली जिले में स्वच्छ भारत मिशन में किए गए घोटाला में भी वह निलंबित किए जा चुके हैं। दो बार के निलंबित डीएम क्या तीसरी बार बदायूं जैसे जिले में कुर्सी को बचा पाएंगे और पादर्शिता से काम कर पायेंगे ।
बदायूं के नवनियुक्त डीएम के. प्रशांत कुमार : जनमत एक्सप्रेस । 9997667313 |
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गेहूं खरीद और सरकारी अनाज वितरण में गड़बड़ियों पर सख्त रूख अपनाते हुए फतेहपुर के डीएम रहे कुमार प्रशांत और गोण्डा के डीएम जेबी सिंह समेत कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। मुख्यमंत्री के पास खाद्य विभाग भी है। फतेहपुर में गेहूं खरीद में गड़बड़ी पायी गई थी। बताया जाता है कि 31 मई को खाद्य विभाग के विशेष सचिव और अपर आयुक्त ने गेहूं खरीद केन्द्रों की जांच की थी ।
जांच में पाया गया कि 13 मई के बाद से वहां कोई भी खरीद नहीं हुई थी और न ही इसका कोई औचित्य बताया गया था। इस मामले में वह निलंबित किए गए थे। इससे पहले चंदौली जिले में स्वच्छ भारत मिशन में किए गए घोटाला में भी वह निलंबित किए जा चुके हैं। दो बार के निलंबित डीएम क्या तीसरी बार बदायूं जैसे जिले में कुर्सी को बचा पाएंगे और पादर्शिता से काम कर पायेंगे ।
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