बरेली से उठी आवाज़ : वसीम रिजवी अमन व शान्ति के लिए खतरा, एनएसए के तहत हो कार्रवाई - सलमान मियां

बरेली जनमत। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहे वसीम रिज़वी के ब्यान को लेकर बरेली से भी आवाज़ उठना शुरू हो गई है। आज उलमा-ए-इराम ने सख्त निंदा की है। वसीम ने माज़ अल्लाह क़ुरान शरीफ की 26 आयेतों के लिए सुप्रीम कोर्ट मे पीआईएल दाखिल की है। इसको लेकर जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां ने कड़ी निंदा करते हुए कहा यह अल्लाह की नाज़िल की गई पवित्र किताब है। चौदह सौ साल में पहली बार कोई ऐसा काफिर और फासिक पैदा हुआ है जिसे कुरान की आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नज़र आ रही हैं, वसीम जैसा इंसान मुल्क की अमन व शान्ति के लिए ख़तरा है। ऐसे इंसान पर एनएसए के तहत जेल में बंद कर देना चाहिए। ये ऐसा जाहिल है जिसे यह भी नहीं मालूम कि इस्लाम तलवार से नहीं प्यार मुहब्बत से फैला है, कुरान के एक एक हर्फ और एक-एक नुक्ते पर हमारा ईमान है। उसकी 26 आयतों को निकालना तो बहुत बड़ी बात है उसके एक नुक्ते को भी इधर से उधर नहीं किया जा सकता। क़ुरान अल्लाह का मुक़द्दस कलाम है उस में कोई तब्दीली नहीं की जा सकती जैसा नाज़िल हुआ वैसा ही क़यामत तक रहेगा। क़ुरान की हिफाज़त का ज़िम्मा अल्लाह ने ख़ुद लिया। लाख कोशिश करले कोई इस को नहीं बदल सकता। हुकूमत वसीम जैसे फसादी समाजी दुश्मन को फौरन गिरफ्तार करे। मुस्लमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है लेकिन क़ुरान के ख़िलाफ़ एक शब्द भी सुन्ना गवारा नहीं कर सकता।
जमात के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां के हवाले से जमात के प्रवक्ता समरान खान ने बताया वसीम का मुसलमान धर्म से और शरियत से कोई सबंध नही। वसीम बताए वह किस धर्म को मानता है ? क्योंकि वह मुस्लिम विरोधी संगठनों का एजेंट है। उसके इस बयान के खिलाफ सभी मसलक एवं मुस्लिम तन्ज़ीम को विरोध करना चाहिए। उसे इन आयेतों का सही ज्ञान भी नहीं होगा जिसको लेकर उसने कोर्ट मे पीआईएल दाखिल की है। उसने जो एक चैनल से बात की है, उस बातचीत में उसने कुरान के बारे में गुस्ताखी की है कि कुरान की 26 आयेतों की वजह से ही दहशत गर्द पैदा हो रहे हैं और इस तरह उसने खुलेआम कुरान पर हमला करके उसने दुनिया भर के मुसलमानों के जज्बात मजरूह किए हैं। यह कोई पहला मौका नहीं है कि उसने मजहबी जज्बात भड़काकर मुल्क का माहौल खराब करने की कोशिश की है।


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