कलयुगी भाई बना मजलूम बहिन का दुश्मन, मकान हड़पने का रचा षड्यंत्र, जान से मारने की धमकी दे रहा

बदायूँ जनमत। एक ओर योगी सरकार महिलाओं को मान सम्मान और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देकर उन्हें स्वावलम्बी बना रही है, वहीं महिलाओं पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। कस्बा उझानी में एक वृद्धा जो भीख मांगकर अपना पेट भर रही है, जिसके झोपड़ी नुमा मकान पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस से भी उसे दुत्कार मिली तो उसने कप्तान के दरबार मे न्याय की गुहार लगाई है।                                                                  क्या वाकई गरीबी एक अभिशाप है ? यह सवाल आज भी उन मजलूम और बेसहारा लोगों के दिलों को झकझोर रहा है जो अपनी बेबसी के चलते अपनी गुजर बसर कर रहे हैं और जिनका समाज भी मखौल उड़ाता है। मानसिक और शारीरिक तौर पर कमजोर वृद्धा जो एक झोपड़ी नुमा मकान में पिछले 60 वर्षों से गुजारा कर अपना जीवन यापन कर रही है। जिसकी जायदाद पर उसके सगे भाई ने कब्जा जमाकर उसे बेघर करने का षड्यंत्र रच डाला। 
पूरा मामला कस्बा उझानी के मोहल्ला पठान टोला का है। जहां इसारा बेगम पत्नी छोटे शाह गरीबी में गुजर बसर कर अपना जीवन यापन कर रही है। इसारा बेगम की मानें तो उसकी मां ने उसकी गरीबी व बेबसी को देख उसे 30 गज जगह रहने को दी थी जिसपर वह पिछले 60 साल से काबिज है। उसे मालिकाना हक देते हुए उसके नाम वसीयत भी लिख दी थी, ताकि उसे कोई परेशान न करे।  लेकिन, गरीबी के चलते इसारा अपना घर न बनवा सकी थी और वह खुले आसमान में रह रही है।
कड़ाके की सर्द भरी रातें उसने इसी तरह काटी हैं। उसने पीएम आवास योजना का फार्म भर दिया जो मंजूर हो गया। उसके खाते में पहली किश्त भी आ गई। जिससे उसे उम्मीद जगी कि अब उसे पक्की छत मिल जायेगी। लेकिन कुदरत को शायद यह भी मंजूर न था और उसके सपने उस वक्त चकना चूर हो गए जब उसकी निर्माण सामिग्री को रातों रात गायब कर दिया गया। बकौल इसारा उसके सगे भाई मुश्ताक ने उसकी निर्माण सामिग्री चुरा ली और उसकी झोपड़ी नुमा जगह पर भी कब्जा कर रहा है। जिसकी शिकायत उसने पुलिस से भी की लेकिन उसे दुत्कार ही मिली। तब उसने एसएसपी के दरबार मे शरण ली और न्याय की गुहार लगाई है। बेसहारा इसारा बेगम ने एसएसपी को दिए शिकायती पत्र में कहा है कि पीएम आवास योजना में उसे पात्र माना और उसे मकान बनवाने की मंजूरी मिली तो उसने सरिया, सीमेंट आदि खरीदी थी लेकिन, उसके भाई ने उसे भी रातों रात गायब कर दिया। बकौल इसारा उसका भाई मुश्ताक उसके घर पर न सिर्फ कब्जा जमाए बैठा है बल्कि उसे जान से मारने की धमकी भी दे रहा है, और कह रहा है कि अगर निर्माण कराया तो अंजाम ठीक नहीं होगा। यही नहीं उसे लात घूंसों से पीटा गया। उसका सामान भी सड़क पर फेंका गया। लेकिन मजबूर वृद्धा का लोग तमाशा देखते रहे। जिससे मुश्ताक उस पर हावी हो गया। शिकायती पत्र में उसने मकान बनवाने और नाजायज कब्जा कर रहे मुश्ताक के खिलाफ कार्यवाही करने की गुहार लगाई है। 


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