छठी शरीफ : ख्वाज़ा ग़रीब नवाज़ ने दिया मोहब्बत का पैगाम - हाफिज़ इरफ़ान

बदायूँ जनमत। मदरसा इस्लाहुल मुस्लेमीन मोहल्ला नवादा सहसवान में अक़ीदतो मोहब्बत के साथ ख्वाज़ा गरीब नवाज़ रहमतुल्लाह तआला अलैहि की याद में छटी का जश्न मनाया गया। जिसकी शुरुआत क़ुरान करीम की तिलावत से हुई, और मदरसे के बच्चों ने हम्दो नात व ख्वाज़ा मुईनुद्दीन चिश्ती अजमेरी रहमतुल्लाह तआला अलैहि की खिदमत में मनकबत पेश करते हुए खिराजे अक़ीदत पेश की। महफ़िल में मदरसा के सदर व पूर्व जिला पंचायत सदस्य हाफिज़ इरफान साहव ने खिताब में फरमाया कि सबसे पहले ख्वाज़ा ख़्वाज़गान  हज़रत ख्वाज़ा मुइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी रहमतुल्लाह अलैह की छठी शरीफ़ की सब मुहिबाने औलिया के लिए मुबारकबाद पेश की, और कहा कि जिन्होंने इस्लाम की इशाअत की खातिर अपनी मातृभूमि को छोड़कर मुख्तलिफ मुमालिक की सैर करते हुए हिंदुस्तान की पाक जमीन अजमेर शरीफ में तशरीफ़ लाये। यहाँ पर मुहब्बत के जाम पिलाये, आपकी तालीम अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नत के मुताबिक लोगों मुहब्बत का दर्स दिया। भेदभाव और अदनाओ आला का फ़र्क खत्म किया। ऐसी मोहब्बत तकसीम की, कि आज तक उनके मज़ार पर बिला तफरीक हर मज़हबो मिल्लत के लोग हाज़िर हो कर अपनी मुराद मांग कर अपनी खाली छोली को भर कर लौटता है। हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज़ का विसाल छः रजब 633 हिज़री में अजमेर शरीफ़ में हुआ।आपका मज़ार भी वही है। आपका उर्स मुबारक हर साल बड़े एहतेमाम से मनाया जाता है। देश विदेश के लाखों ज़ायरीन उसमें शरीक होते हैं। महफ़िल की सदारत हाफिजों क़ारी राशिद हुसैन ने की। मदरसे के नाज़िम ए आला हाफिज़ अब्दुल हादी ने सभी लोगों का महफ़िल में आने के लिए शुक्रिया अदा किया। 
इस मौके पर ताहिर हुसैन, मुहम्मद उमर,मुनाजिर हुसैन, मोहम्मद कैफ़,साजिद हुसैन, हाफिज उमर, हाफिज़ शादान आदि लोग मौजूद रहे।


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