कौमी एकता की मिसाल बना सियासी अफ्तार | उसहैत
उसहैत जनमत । रमजान शुरू होते ही मैंने एक जुमला कहा था "अब नेताओं का टोपी और अफ्तार का ड्रामा शुरू" सच्चाई ये है कि माहे रमजान में अधिकतर अफ्तार पार्टियां नेताओं द्वारा आयोजित होती हैं फिर चाहे वो किसी भी मजहब का हो । कोई नेता अफ्तार पार्टी के जरिए शक्ति प्रदर्शन कर विधानसभा का टिकट मांगता है तो कोई चेयमैनी जीतने के लिए मुसलमानों का हितैषी होने का दावा करता है । शुक्रवार यानी अलविदा बाले रोज उसहैत नगर पंचायत प्रांगण में भी रोजा अफ्तार पार्टी का आयोजन हुआ । हालाँकि इस पार्टी का टारगेट आने बाला चेयरमैनी का चुनाव था लेकिन कुछ भी सही हिन्दू भाईयों का यह कदम बेहद सराहा जा रहा है । नगरवासी यतेन्द्र कुमार "गांधी" द्वारा आयोजित अफ्तार पार्टी में मुसलमानों ने भी बड चड कर हिस्सा लेकर कौमी एकता परिचय दिया !!