कब सुधरेगा भारतीय अपंग सिस्टम...

एस०शाहिद अली !!


यूं तो हमारा लोकतांत्रिक देश किसी से कम नहीं । इसकी आन, बान और शान का गुणगान करते ही बनता है । एक शायर की दीवानगी यहाँ तक कहती है कि "सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा" । यहाँ की एकता, यहाँ का प्यार, यहाँ के त्यौहार, जहाँ के मौसम सारे जग से निराले हैं । मैं तो ये भी कहना उचित समझता हूँ कि कुदरत ने हमारे देश को हर वो नेमत दी है जो शायद किसी और देश को नहीं ।
लेकिन बात सिर्फ कुदरत की ही करना क्योंकि मेरे देश का सिस्टम तो अपंग सा हो गया है । इस लोकतांत्रिक देश में लोग वोट तो देते हैं लेकिन सिर्फ बिरादरीवाद के लिए । यहाँ सरकारें तो बनती हैं लेकिन माल मारने के लिए । आज मुझे यह कहते हुए कतई हिचकिचाहट महसूस नहीं हो रही कि मेरा देश अपना संविधान, अपना कानून, अपना कर्तव्य बहुत पीछे छोड चला है । मेरे इस महान देश में कुछ बुद्धीविहीन लोगों ने इसके सिस्टम को अपंग कर दिया है ।
एक सोच का विषय है एक अगूंठा टेक अपराधी जेल में रहकर भी कहीं से भी चुनाव लड सकता है । वहीं एक पढने बाले छात्र पर अगर गलत तरीके से झूठा मुकदमा दर्ज होता है तो उसका पूरा जीवन खतरे के साय में समो जाता है । ट्राफिक पुलिस के सामने से अनफिट और ओवरलोड वाहन धडल्ले से फर्राटा भरते हैं, मगर कहीं कुछ नहीं । वहीं सडक दुर्घटना के बाद जनता के लोगलाज के लिए विभाग की नींट टूटती है और फिर दिखाई देता है कि वाहन अनफिट या ओवरलोड था । वहीं पुलिस की मौजूगी या जानकारी के चलते बारात में हर्ष फायरिंग या डांस पार्टीयों के चलते झगडा या हत्या होने पर पता चलता है कि हर्ष फायरिंग बाला हथियार अवैध था या डांस पार्टी की परमीशन ही नहीं थी । वास्तव में इतने जिम्मेदार अफसर और जनता है मेरे देश की और उससे भी सक्रिय है सिस्टम कि हमेशा हादसा हो जाने के बाद ही कमियाँ दिखाई देतीं हैं । हाल ही में केरल के पुत्तिंगल देवी मंदिर में आतिशबाजी के कारण 110 लोगों की मौत हुई और करीब 150 से ज्यादा लोग घायल हुए । कोई बताएगा कि किसकी लापरवाही का नतीजा है ये हादसा ? जबकि सब जानते हैं सार्वजनिक स्थानों पर आतिशबाजी रखने और चलाने की परमीशन नहीं होती । इस सबके बावजूद यह सब हुआ । हादसे में देश के सक्रिय प्रधानमंत्री ने मौके पर पहुँचकर जायजा लिया और हादसे पर अफसोस व्यक्त किया । मगर क्या सिर्फ अफसोस व्यक्त करने से सिस्टम में सुधार होगा ? क्या आगे से किसी मंदिर या सार्वजनिक स्थानों पर आतिशबाजी नहीं रखी या चलाई जाएगी ? कुछ नहीं सुधरेगा तब तक जब तक मेरे देश का अपंग सिस्टम नहीं सुधरता..!!!

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