पढिए नजीब को लेकर पत्रकार एस०शाहिद अली का मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र
सेवा में,
माननीय अखिलेश यादव जी
मुख्यमंत्री - उत्तर प्रदेश ।
हो सकता है आप अवगत हों लेकिन आपकी चुप्पी से लगता तो नहीं है । खैर मेरा तो काम ही है सच से रूबरू कराना । महोदय जब आप अपने पारिवारिक झगड़े के लफडे में पडे थे उन्हीं दिनों 14 अक्टूबर को आपके सूबे के जनपद बदायूँ का एक होनहार छात्र नजीब अहमद पुत्र नफीस अहमद जो जवाहरलाल नेशनल यूनिवर्सिटी दिल्ली में पढता था । किसी बात को लेकर उसका झगडा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ गुण्डों से हो गया था । करीब 12 विद्यार्थी रूपी उन गुण्डों ने नजीब को बेरहमी से पीट पीट कर लहूलुहान कर दिया था । उसके बाद से (15 अक्टूबर से) नजीब आज तक लापता है । हालाँकि दिल्ली पुलिस ने धारा 365 के तहत मामला दर्ज तो कर लिया है लेकिन नामजद होने के बावजूद विद्यार्थी परिषद के किसी भी गुण्डे की गिरफ्तार नहीं किया गया ।
18 दिनों से लगातार रो रही एक बेबस माँ तो कार्रवाई तक की मांग नहीं कर रही, उसका तो बस यही कहना है कि मेरे लाल को लाकर मुझे दे दो मैं उसे लेकर बापस अपने घर चली जाऊंगी और कभी लौटकर दिल्ली नहीं आऊंगी । दिल की बीमारी से पीडित चारपाई पर पडे नजीब के पिता अपने कलेजे के टुकड़े की घर वापसी का इंतजार कर रहे हैं ।
मुख्यमंत्री के साथ साथ आप भी किसी के पिता हैं ! औलाद की मोहब्बत किसे कहते हैं आप भी बेहतर जानते हैं ? साथ ही बच्चों के बिछडने के दुख से भी जरूर अवगत होंगे ? उम्मीद करता हूँ 18 दिनों से अपने होनहार बेटे से बिछडे एक माँ - बाप के दर्द को आप भी महसूस कर रहे होंगे ।
महोदय आपको पत्र लिखने का मेरा असल मकसद यह बताना था कि अब बदायूँ की जनता चाहती है आप अपने स्तर से भी नजीब की बरामदगी का प्रयास करें । आपके सूबे का एक होनहार छात्र पिछले 18 दिनों से लापता है और आप इस तरह चुप्पी साधे बैठे हैं यह एक चिंता का विषय है । आप एक विकास पुरुष हैं इसमें कोई शक नहीं, लेकिन एक राजा का कर्तव्य अपनी प्रजा को अच्छी सुविधा देने के साथ साथ उसके सुख और दुख में शरीक होना भी होता है ।
आशा करता हूँ अपनी विकास यात्रा के महत्त्वपूर्ण समय में से कुछ पल निकाल कर आप इस विषय पर भी जरूर मंथन करेंगे और एक बेबस, लाचार व मजबूर परिवार को उसके बेटे से मिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर पुण्य के भागीदार बनेंगे !!
एस०शाहिद अली, बदायूँ
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