बूचड़खानों का निर्माण स्थानीय निकाय की जिम्मेदारी : हाईकोर्ट
लखनऊ जनमत । मीट दुकान के लाइसेंस के नवीनीकरण का मामला, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का आदेश।
राज्य सरकार मीट शाप के लाइसेंस का नवीनीकरण करे, बूचड़खानों का निर्माण स्थानीय निकाय की जिम्मेदारी।
17 जुलाई को हरहाल में शासन और संबंधित विभागों से मांगी रिपोर्ट।
स्लॉटर हाउस बनाना सरकार की जिम्मेदारी - हाईकोर्ट
12 May 2017
लखनऊ जनमत । स्लॉटर हाउस और मीट की दुकानों के लाइसेंस जारी करने और उनके नवीनीकरण के मसले पर कई दिनों से चल रही सुनवाई पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फैसला सुना दिया है।
जस्टिस एपी साही और जस्टिस संजय हरकौली की बेंच ने यूपी सरकार को नई लाइसेंस जारी करने और पुराने लाइसेंस रिन्यू करने का आदेश दिया है। बेंच ने कहा कि सरकार किसी को मांसाहार खाने से नहीं रोक सकती है।
याचिकाकर्ताओं ने शिकायत की थी कि उनके लाइसेंस का समय 31 मार्च को पूरा हो चुका है और उन्होंने रिन्यूवल के लिए आवेदन कर रखा है लेकिन सरकार अनुमति नहीं दे रही।
याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस कर रहे वकील ने कहा था कि सरकार अप्रत्यक्ष रूप से स्लॉटर हाउस बंद करना चाह रही है जबकि किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंद का खाना खाना का अधिकार है चाहे वो वेज हो या नॉनवेज।
वहीं, सरकार की तरफ से महाधिवक्ता और विशेष वकील का तर्क था कि सरकार नवीनीकरण तभी करेगी जब याची सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों के मुताबिक स्लॉटर हाउस और मीट की दुकान चलाएं।
बता दें कि 30 मार्च को मुख्यमंत्री ने स्लाटर हाउस संचालकों से मुलाकाता की थी और कहा था कि वे नियम- कानून के दायरे में रहकर वैध तरीके से कारोबार करेंगे तो कोई दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने पुराने स्लाटर हाउसों का आधुनिकीकरण कराने व नियमानुसार लाइसेंस लेकर ही चलाने की भी सलाह दी।
कहा था कि जो भी मीट व्यापारी नियमानुसार लाइसेंस लेना चाहता है, उसे कोई समस्या नहीं आएगी। इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दे दिए जाएंगे।
राज्य सरकार मीट शाप के लाइसेंस का नवीनीकरण करे, बूचड़खानों का निर्माण स्थानीय निकाय की जिम्मेदारी।
17 जुलाई को हरहाल में शासन और संबंधित विभागों से मांगी रिपोर्ट।
स्लॉटर हाउस बनाना सरकार की जिम्मेदारी - हाईकोर्ट
12 May 2017
लखनऊ जनमत । स्लॉटर हाउस और मीट की दुकानों के लाइसेंस जारी करने और उनके नवीनीकरण के मसले पर कई दिनों से चल रही सुनवाई पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फैसला सुना दिया है।
जस्टिस एपी साही और जस्टिस संजय हरकौली की बेंच ने यूपी सरकार को नई लाइसेंस जारी करने और पुराने लाइसेंस रिन्यू करने का आदेश दिया है। बेंच ने कहा कि सरकार किसी को मांसाहार खाने से नहीं रोक सकती है।
याचिकाकर्ताओं ने शिकायत की थी कि उनके लाइसेंस का समय 31 मार्च को पूरा हो चुका है और उन्होंने रिन्यूवल के लिए आवेदन कर रखा है लेकिन सरकार अनुमति नहीं दे रही।
याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस कर रहे वकील ने कहा था कि सरकार अप्रत्यक्ष रूप से स्लॉटर हाउस बंद करना चाह रही है जबकि किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंद का खाना खाना का अधिकार है चाहे वो वेज हो या नॉनवेज।
वहीं, सरकार की तरफ से महाधिवक्ता और विशेष वकील का तर्क था कि सरकार नवीनीकरण तभी करेगी जब याची सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों के मुताबिक स्लॉटर हाउस और मीट की दुकान चलाएं।
बता दें कि 30 मार्च को मुख्यमंत्री ने स्लाटर हाउस संचालकों से मुलाकाता की थी और कहा था कि वे नियम- कानून के दायरे में रहकर वैध तरीके से कारोबार करेंगे तो कोई दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने पुराने स्लाटर हाउसों का आधुनिकीकरण कराने व नियमानुसार लाइसेंस लेकर ही चलाने की भी सलाह दी।
कहा था कि जो भी मीट व्यापारी नियमानुसार लाइसेंस लेना चाहता है, उसे कोई समस्या नहीं आएगी। इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दे दिए जाएंगे।
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