पैगम्बरे इस्लाम के पैगाम पर अमल करें मुसलमान : यासीन उस्मानी

बदायूँ जनमत । शहर के मोहल्ला सोथा में चमेली बाली मस्जिद के निकट जश्ने ईद मिलादुन्नवी का आयोजन किया गया । जलसे की सदारत मौलाना प्रोफेसर शरीफ अहमद ने की और संचालन मुहम्मद जमाल अहमद ने किया । 
जश्न में मुख्य अतिथि के रूप में इस्लामिक इंटेलेक्चुअल बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना डॉक्टर यासीन उस्मानी मौजूद रहे । जलसे का आगाज तिलावते कुराने मजीद से मौलाना सिद्दीक ने किया वहीं हाफिज साकिब रजा ने नवी करीम की शान में नाते पाक पेश की । 
जसले को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मौलाना डॉक्टर यासीन उस्मानी ने सीरते मुस्तफा का बयान किया । उन्होंने कहा कि बारह रवीउल अब्बल इस्लामी साल की वह तारीख है कि जिसकी सुबह को अल्लाह ने अपने प्यारे महबूब मुहम्मद मुस्तफा सल्ललाहो अलैहीवसल्लम को सारे संसार के लिए रहमत बनाकर मक्के की सरजमीं पर भेजा । आप ने दुनियाँ में आकर सारी कायनात को अम्नो इंसाफ, बराबरी, सच्चाई का पैगाम दिया । आप ने बंदों पर दया और रहम किये जाने के संबंध में फरमाया कि जो लोगों पर दया न करे उस पर भी दया न हो, जो लोगों पर दया करेगा वही जन्नत में जायेगा । तुम जमीन बालों पर रहम करो ऊपर बाला तुम पर रहम करेगा । श्री उस्मानी ने कहा कि इंसानियत इस दौर में जिस तरह अमनों इंसाफ के रास्ते से भटक रही है पैगम्बरें रहमत के इस पैगाम पर अमल करने और इसे आम करने की जरूरत है । जलसा सलातो सलाम के बाद समाप्त हुआ । मौलाना यासीन उस्मानी ने मुल्क और कौम के लिए दुआ कराई । जलसे में मास्टर फारूक, शकील जमा, अजीम सिद्दीकी, मजहर हमीदी, इमरान, शरीफ खां आदि लोग मौजूद रहे ।

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