क्यों नपुंसकता के शिकार हुए बदायूँ के सभासद..??

एस०शाहिद अली (बदायूँ) । मुस्लिम वोटरों की उम्मीदों को तार - तार करते हुए बदायूँ नगर पालिका परिषद के मुस्लिम सभासद इस बात को भूल बैठे हैं कि हम मुस्लिम वोटरों के वोट से सभासद बनें है । नगर पालिका के कुछ मुस्लिम सभासद कथित फैसलों के सामने नपुंसकता का शिकार होकर झुक गए हैं । अपनी आवाज़ को बुलंद करने के लिए शहर के मुस्लिम वोटरों ने अपने वार्डों से मुस्लिम जनप्रतिनिधियों को चुनकर पालिक बोर्ड में भेजा है । 
लेकिन 6 जनवरी को नगर पालिका परिषद बोर्ड की प्रथम बैठक आयोजित हुई । जिसकी अध्यक्षता पालिकाध्यक्ष दीपमाला गोयल ने की थी । बोर्ड की बैठक में कई प्रस्ताव पास कराये गए । जिसमें प्रस्ताव संख्या दो थी कि पालिका के गेस्ट हाउस का नाम (रजा गेस्ट हाउस) बदला जायेगा । हालाँकि इस पर सबसे पहले अनबर खां ने और फिर उनके साथ चार या पाँच मुस्लिम सभासदों ने अपना विरोध जरूर दर्ज कराया था । उन्होंने कहा था कि रजा गेस्ट हाउस का नाम आला हजरत इमाम अहमद रजा खाँ फाजिले बरेलवी के नाम पर रखा गया है लेकिन उनके इस विरोध की आवाज को सत्ता कि हनक से दबा दिया गया । वहीं अन्य प्रस्तावों के साथ एक प्रस्ताव था कि गाँधी ग्राउंड में भगवान श्रीराम जी की मूर्ति की स्थापना की जायेगी, जो कि पूर्णतया गलत है ! मगर इस प्रस्ताव पर भी सभी सभासद एकजुट न होकर तमाशबीन बने रहे । हालाँकि भगवान श्री राम जी का आदर व सम्मान मुस्लिम समाज भी करता है, लेकिन बदायूँ का गाँधी ग्राउंड ग़ैर सरकारी सम्पत्ति नही बल्कि सरकारी सम्पत्ति हैं । किसी सरकारी सम्पत्ति पर कोई धार्मिक मूर्ति लगाना ग़ैर कानूनी हैं जिस पर माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी पूर्णतः प्रतिबन्ध लगा रखा हैं । उच्च न्यायलय ने आदेशित किया हैं कि किसी भी सरकारी संपत्ति पर किसी भी तरह की कोई धार्मिक मूर्ति नहीं लगाई जा सकती । गाँधी ग्राउण्ड राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के नाम से प्रसिद्ध हैं, जहाँ राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की मूर्ति पहले से ही स्थापित है । अगर आज वहाँ भगवान श्रीराम की मूर्ति स्थापित हुई तो कल को वहाँ मस्जिद की भी स्थापना हो सकती है और फिर अगले दिन गुरुद्वारा और चर्च भी स्थापित हो सकता है । इसीलिए इस ग़ैर कानूनी प्रस्ताव का मुस्लिम सभासदों ही नहीं बल्कि सभी सभासदों को विरोध करना चाहिए था । सभासदों के विरोध व आपत्ति करने के बजाय उन प्रस्तावों पर मोहर लगाते हुए आत्मसमर्पण करने का काम किया हैं । जो आज जनपद भर में चर्चा का विषय बना हुआ है । आपको बताते चलें नगर पालिका परिषद बदायूँ में मुस्लिम सभासदों की संख्या 11 हैं । जिसमें से अधिकतर सभासदों से जब जनमत एक्सप्रेस ने इस संबंध में बात की तो कुछ ने तो कुछ भी कहना मुनासिब नहीं समझा तो वहीं कुछ ने कहा है कि हम मानते हैं कि यह प्रस्ताव पूर्णतया गलत है लेकिन दो चार सभासदों के विरोध करने पर हो भी क्या सकता है । वहीं एक मुस्लिम सभासद ने बताया है कि उन्होंने लिखित रूप से मूर्ति स्थापित करने का विरोध किया है । जनमत एक्सप्रेस लगातार चार दिनों से पालिकाध्यक्ष दीपमाला गोयल से बात करने के लिए फोन से संपर्क कर रहा है लेकिन वह अपने कार्यों में इतनी मशरूफ हैं कि फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझतीं ।

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