वसीम रजवी को तुरंत पद से हटाए सरकार : यासीन उस्मानी

बदायूँ जनमत । शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रजवी द्वारा मदरसों से संबंधित विवादित बयान देने पर इस्लामिक इंटेलेक्चुअल बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अॉल इण्डिया मिल्ली कौंसिल के उपाध्यक्ष मौलाना डॉक्टर यासीन उस्मानी ने सरकार से मांग की है कि वसीम रजवी को उनके पद से तुरंत हटाया जाये । प्रेस को जारी की गई विज्ञप्ति में मौलाना डॉक्टर यासीन उस्मानी ने कहा है कि शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रजवी ने प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मदरसों की शिक्षा पर अत्यंत आपत्तिजनक आरोप लगाये हैं । परंतु मदरसे कायम करना मुसलमानों का संवैधानिक अधिकार है । वसीम रजवी ने मदरसों को बंद करने की मांग करके मुसलमानों को संवैधानिक अधिकार से वंचित करने की मांग की है, जो अत्यंत निंदनीय है ।
इन मदरसों में अमनों शांति, अपसी भाईचार, सामाजिक बराबरी, इंसाफ और नेकियों को बढावा देने और बुराईयों को मिटाने की शिक्षा दी जाती है । कुरान और हदीस की शिक्षा दी जाती है जो मानवता प्रेम पर आधारित है, और यही कारण है कि आजादी की लडाई में मौलाना फज्ले हक खैराबादी, मौलाना मुहम्मद अली जौहर, मौलाना शौकत अली, मौलाना अब्दुल बारी फरंगी महली, मौलाना आजाद, मौलाना हसरत मौहानी जैसे सैकड़ों आलिम हैं जिन्होंने यादगार कुर्बान पेश की है । 
अब मदरसों में इस्लामी तालीम के साथ अंग्रेज़ी, विज्ञान, गणित और इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी की शिक्षा भी दी जाती है । मदरसे गरीब और कमजोर मुसलमानों के बच्चों की शिक्षा प्राप्त करने का माध्यम है । उत्तर प्रदेश की सरकारी संस्था शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का मदरसों के खिलाफ इस प्रकार का पत्र लिखना बेहूदगी के सिवाय कुछ भी नहीं है । शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष यूपी सरकार की मुस्लिम विरोधी छवि को और गहरा कर रहे हैं, और अपने भ्रष्टाचारों पर पर्दा डालना चाहते हैं । यूपी सरकार को वसीम रजवी को उनके पद से तुरंत हटा देना चाहिए । 

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