बदायूँ में शिक्षा मित्रों ने कहा न्याय मिले या इच्छा मृत्यु
जनमत एक्सप्रेस । बदायूँ के विकास खण्ड उसावां में परेशान कई शिक्षा मित्रों ने न्यायपालिका और मीडिया से न्याय दिलाने की अपील की है साथ ही यह भी कहा है कि या तो उन्हें न्याय मिले या इच्छा मृत्यु ।
विकास खण्ड उसावां क्षेत्र के नबीजान खां, ऋषिपाल, रामवीर सिंह, राधेश्याम और उरमान सिंह आदि द्वारा जारी किये गए पत्र में कहा गया है कि माननीय उच्चतम न्यायालय के दिनांक 25 जुलाई 2017 के आदेश और सरकार की दोष पूर्ण नीति के कारण आहत होकर शिक्षा मित्र एक एक करके अकाल काल के गाल में समाते चले जा रहे हैं । इसी क्रम में बरेली के विकास खण्ड क्षेत्र आलमपुर जाफराबाद के प्राथमिक विद्यालय सिरोही में कार्यरत शिक्षा मित्र प्रेम सिंह ने स्वयं को गोली मारकर आत्म हत्या करली ।
उन्होने कहा है कि शिक्षा मित्र उच्चतम न्यायालय में हारे नहीं बल्कि उन्हें हराया गया है । चार जजों द्वारा जनता दरबार में कहना कि लोकतंत्र खतरे में है, न्यायपालिका में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है । वास्तव में शिक्षा मित्रों के साथ भी सब कुछ ठीक नहीं हुआ है, क्योंकि एनसीटीई की अधिसूचना दिनाँक 23 अगस्त 2010 के मानकानुसार शिक्षक की बाँछित योग्यता स्नातक बीटीसी और शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी उत्तीर्ण है । वहीं हजारों ऐसे शिक्षा मित्र हैं जो इससे भी अधिक योग्यता रखते हैं फिर भी राजनैतिक दबाव में माननीय उच्चतम न्यायालय ने शिक्षा मित्रों को अयोग्य बताकर समायोजन रद्द कर दिया । वहीं इस जले पर सरकार लिखित परीक्षा रूपी नमक रगड़ने का काम कर रही है ।
उक्त शिक्षा मित्रों ने न्यायपालिका और मीडिया से सहयोग की मांग की है । साथ ही शिक्षा मित्रों को रोजगार दिलाने या इच्छा मृत्यु की अनुमति दिलाने की भी मांग की है ।
बदायूँ के कस्बा उसहैत निवासी शिक्षा मित्र नबीजान । |
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