हज़रत नजीब हैदर मियाँ और मौलाना यासीन ने की 13 हाफिज़ो के दस्तारबंदी

बदायूँ जनमत । सहसवान के नसरूल्लागंज स्थित मदरसा अनवारे मदीना का सालान जलसा पैगामे कुरआन कॉफ्रेंस नामक शीर्षक से आयोजित किया गया । इस जलसे की सरपरस्ती मारहरा शरीफ के सज्जादानशीन हजरत सैय्यद नजीब हैदर मियाँ ने फरमाई । वहीं इस्लॉमिक इंटेलेक्चुअल बोर्ड ऑफ इण्डिया के नेशनल चेयरमैन पूर्व पूर्वमंत्री मौलाना यासीन अली उस्मानी मुख्य अतिथि के रूप में शरीक हुए । 
कॉफ्रेंस का आग़ाज़ कारी अमान ने तिलावते कुराने मजीद से किया । हजरत सैय्यद नजीब हैदर मियाँ ने संबोधित करते हुए फरमाया कि इल्म के बगैर इंसान की जिंदगी अधूरी है । मुसलमानों को पूरी लगन और दिलचस्पी के साथ इल्म हासिल करना चाहिए । उन्होंने कहा कि यही वह मदरसे हैं कि जिन्होंने उस वक्त इल्म के चराग रौशन किये जब हमारे मुल्क में स्कूलों और दूसरी शैक्षिक संस्थाओं की बहुत कमी थी । 
कॉफ्रेंस के मुख्य अतिथि मौलाना यासीन उस्मानी ने कहा खासकर युवाओं को इस्लामी और दुनियावी दोनों ही शिक्षाओं से अपनी जिंदगी को सवारना वक्त की जरूरत है । उन्होंने यह भी कहा कि यही मदरसे वह संस्थाएं है कि जिन कक्षाओं से इल्म हासिल करने वाले सैकड़़ों आलिमों ने वतन की मुहब्बत से सरशार होकर हिन्दुस्तान की आज़ादी के लिए अपनी जानों की कुर्बानी पेश कर दी । इस कॉफ्रेंस में हजरत नजीब हैदर मियाँ और मौलाना यासीन उस्मानी के हाथों से उन तेरह छात्रों की दस्तारबंदी की गई जिन्होंने कुरान शरीफ हिफ्ज़ किया है । कॉफ्रेंस में संभल से आये मौलाना फुरकान रज़ा सहित अन्य उलेमाओं ने भी अपने विचार रखे । निजामत कारी नासिर ने की वहीं कॉफ्रेंस में मदरसा अनवारे मदीना के नाजिम कारी मुसीम रज़ा की अहम भूमिका रही । इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य हाफिज इरफान, कारी अकबर, कारी नासिर, मौलाना तौफीक़, मंजर नूरी, असलम बरकाती, शरीफ बरकाती आदि मौजूद रहे ।

पैगामे कुराने कॉफ्रेंस में खिताब करते हुए मौलाना यासीन उस्मानी : जनमत एक्सप्रेस । 

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