सुनो साहेब ! हमारी जेल में ज़हर भी मिलता है

एस०शाहिद अली । प्रचलित कहावत है कि "कब्र का हाल मुर्दा ही जानता है" कहावत पुरानी है लेकिन हर दौर में फिट हो जाती है । ऐसी जगह जहाँ कोई व्यक्ति पहुँच नहीं पाता तब वह इसी कहावत को अपनी जुबां से कहकर दिल को तसल्ली दे लेता है । 
उत्तर प्रदेश के बदायूँ जनपद की जिला जेल को लेकर शरीफ और स्वच्छ छवि बाले लोग भी यही कहावत कहकर घटनाओं पर पर्दा ड़ाल लेते हैं । घटना दर घटना होने के कारण बदायूँ जेल अब बदनाम सी हो चुकी है और हैरत की बात यह है कि घटना होने के बाद जेल प्रशासन या जिला प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अफसर अपनी असफलता को स्वीकार नहीं करता बल्कि, मीडिया और उसके सवालों से बचते नज़र आते हैं । 12 मई 2018 को मुरादाबाद का एक कुख्यात अपराधी जिला जेल की दीवार को रस्सी के सहारे से फाँद कर फरार हो जाता है । उसका पता आज तक प्रशासन नहीं लगा सका और उसी के साथी के बैरिक से एक पिस्टल भी बरामद होती है । ऐसे में कई सवाल पैदा हुए लेकिन उनका गला घोंट दिया गया । फिर 30 मई को इसी जिला जेल में दो कैदियों की ज़हर से मौत होती है ऐसे में जेल के जिम्मेदार जेलर साहब कुछ भी कहने से बचते हैं और मीडिया के सामने तक नहीं आते, हालत फिर वही होते हैं कि सवाल पैदा हुए और पैदा होते ही दम तोड़ गए । हाँ एडीएम महेंद्र सिंह ने जरूर मीडिया के कैमरे का सामना करते हुए यह कहा था कि सुसाइड नोट बरामद हुआ है मृतक परिवार से परेशान था इसलिए उसने ज़हर खाया है लेकिन साहेब, सवाल यहीं खत्म नहीं होते । सुसाइड नोट एक बरामद हुआ या दो क्योंकि मरे तो दो कैदी थे और ही अलग अलग जगहों के निवासी (एक बदायूँ का और एक फैजगंज बेहटा का) अब दोनों ही कैदी अपने परिवार से परेशान तो नहीं हो सकते थे ।
अक्सर कुछ सवाल दिमाग में ऐसे ख्यालात उत्पन्न कर जाते हैं जो आत्मा को कचोटते रहते हैं । जैसे मुख्य सवाल हैं कि जिला जेल में ज़हर कैसे पहुँचा..?? अगर कैदियों ने ज़हर का सेवन स्वयं किया है तो ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी क्या कर रहे थे..?? बैरिक में पिस्टल कैसे पहुँची..?? कुख्यात अपराधी उस पिस्टल से खुदको या किसी अन्य कैदी को गोली मार देता तब जिम्मेदार कौन होता..?? जेल से ट्रक तक रस्सी कैसे बाँधी गई और किसने बाँधी..?? जब रस्सी बाँधी जा रही थी तब जेल का पहरा और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी कहाँ थे..?? 
ऐसे दर्जनों सवाल खड़े हैं जो जवाब चाहते हैं लेकिन जवाब देगा कौन ! यहाँ गंभीर विषय यह है कि जब जेल में रस्सी, पिस्टल और ज़हर पहुँच सकता है तो अब ऐसी कौन सी चीज बची है जो जेल अंदर नहीं पहुँच सकती..?? आखिरी और खास सवाल जेल में अपराधियों को वह तमाम सुविधाएं मुहैया कौन कराता है जिस कारण वह कुख्यात अपराधी बने..??? 


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