बाल अपराधी एवं बाल पीड़ितों के संबंध में उघैती में किया गया ब्रीफ

बदायूँ जनमत । थाना उघैती परिसर में महिला थाना एसओ शर्मिला शर्मा द्वारा समस्त स्टाफ को बाल संरक्षण बाल अपराधी एवं बाल पीड़ितों के संबंध में ब्रीफ किया गया । जिस के संबंध में शर्मिला शर्मा ने बताया जब किसी बच्चे द्वारा कोई कानून विरोधी या समाज विरोधी कार्य किया जाता है तो उसे किशोर अपराध या बाल अपराध (8 वर्ष से अधिक तथा 16 वर्ष से कम आयु के बालक द्वारा किया गया) कानूनी विरोधी कार्य है । जिसे कानूनी कार्रवाई के लिए बाल न्यायालय के समक्ष उपस्थित किया जाता है । भारत में बाल न्याय अधिनियम 1986 संशोधित 2000 के अनुसार 16 वर्ष के लड़के एवं 18 वर्ष तक की आयु की लड़कियों के अपराध करने वाल अपराधी की श्रेणी में सम्मिलित किया गया है । केवल आयु ही बाल अपराध को निर्धारित नहीं करती वरुण इस में अपराध की गंभीरता भी महत्वपूर्ण पक्ष है । 7 से 16 वर्ष का लड़का तथा 7 से 18 वर्ष की लड़की द्वारा कोई भी ऐसा अपराध न किया गया हो आजीवन कारावास देता है जैसे हत्या देशद्रोह भातर आक्रमण अधिक तो वह बाल अपराधी मानी जायेगा और अनेक प्रकार की जानकारी दी जानकारी तथा कर्तव्यो से अवगत कराया गया इस मौके पर थाना अध्यक्ष ललित भाटी और थाना स्टाफ मौजूद रहा ।

जनमत एक्सप्रेस के लिए उघैती से अकरम मलिक की रिपोर्ट ।

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