बदायूँ : दुपट्टे में लिपेट कर अस्पताल के दरवाजे पर नवजात शिशु को फेंक गई कलयुगी माँ

सैदपुर जनमत । यहां सरकारी अस्पताल के पास एक चाय के खोखे पर दुपट्टे में लिपटी नवजात बच्ची को जिसने भी पड़ा देखा, उसके होश उड़ गए। हर कोई उस महिला को कोस रहा था, जिसने उसे जन्म देकर मरने के लिए फेंक दिया । वहीं, जब नवजात बच्ची ऊआं-ऊआं कर रो रही थी, तब ऐसा लग रहा, जैसे वह उस मां से यह कह रही हो, हे मां, तूने मुझे क्यों त्यागा, तू भी तो बेटी है। माँ मेरा क्या कसूर नौ माह तक तूने अपनी कोख में अपने खून के एक एक कतरा पिलाकर मुझे दुनिया में आँखें खोलने के लायक बनाया । में तेरी कोख में हर पल बाहर की दुनिया देखने को छातपटती रही थी । मगर जब दुनिया में आने का वक्त आया तो तूने कतई ख्याल नही किया जन्म लेते ही तूने मुझे अँधेरी रात में खुले आसमान के नीचे फैंक दिया । तुझे मेरा जरा भी खयाल नही आया । काश तू ऐसा करने से बेहतर किसी के अंचल में ही दे देती । खैर माँ मुझे अब पुलिस व डाक्टरों का सहारा मिल गया । जिसने मुझे बिना सोचे समझे ही खून से सना दुपट्टे से निकाल कर अस्पताल पहुचाया । जहाँ डाक्टरों व नर्स की कड़ी मेहनत से मुझे मौत के मुह से बचाया गया । अब मैं खुश हूँ अब मुझे तेरी जरुरत नही । मै खुश हु अब मुझे आज तमाम लोगो का मेला मुझे अस्पताल मे देखने आया जिन की दुआ और आर्शीर्वाद देकर उन्होंने मुझे नवाजा है । अब में अस्पताल में भर्ती होकर जिन्दगी और मौत से लड़ रही हू ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां देशभर में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के अभियान को साकार करने के लिए महिलाओं को जागरूक करने संबंधी अभियान चलवा रहे हैं, लेकिन कुछ महिलाएं आज भी पुत्र के लिए कन्याओं को त्यागना नहीं छोड़ रहीं। इन्हीं में से एक महिला वो भी है, जिसने जन्म देने के बाद नवजात बच्ची को कस्बा के सरकारी अस्पताल के पास एक चाय के खोखे पर टांग दिया। नवजात का केवल इतना कसूर था कि वह एक कन्या थी। यह दिल दहलाने वाली घटना रविवार की रात 12 बजे की है। कस्बा के हेतराम अपने दोस्त के साथ दवा लेने के लिए सरकारी अस्पताल आए थे। जहां अस्पताल गेट के पास चाय के खोखे से एक बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी तो इसकी जानकारी अस्पताल में मौजूद लोगों को भी हुई। जिस पर लोग मौके पर आ गए, तब देखा कि दुपट्टे में लिपटी हुई एक कन्या रो रही है। लोगों ने उसे गोद में उठा लिया। आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टर व स्टाफ ने उसका उपचार शुरू कर उसकी जान बचाई। जानकारी मिलते ही डॉयल 100 व थाना पुलिस भी मौके पर पुलिस भी देर रात तक डाटी रही। हालत गंभीर देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। एमओआइसी डॉ. फिरासत हुसैन ने बताया कि बच्ची काफी गंभीर थी। काफी कोशिश कर बच्ची को बचाया गया ।
(रिपोर्ट : नाहिद हुसैन)

नवजात शिशु का स्वास्थ्य परिक्षण करते हुए डॉ फिरासत हुसैन : जनमत एक्सप्रेस ।

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