हाशिमपुरा काण्ड : मुसलमानों के कातिल 16 पीएसी जवानों को आजीवन कारावास

नई दिल्ली जनतत । 1987 में हुए हाशिमपुरा नरसंहार मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने इस मामले में बुधवार को निचली अदालत के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें 16 पीएसी (प्रोविंशियल आर्म्ड कॉन्स्टेबुलरी) कर्मियों को बरी कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने इन सभी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बता दें कि मेरठ के हाशिमपुरा में मई 1987 में अल्पसंख्यक समुदाय के 40 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। पीएसी कर्मियों पर इनकी हत्या का आरोप था।
सरकारी वकील के मुताबिक, पीएसी कर्मियों ने एक मस्जिद के बाहर इकट्ठे 500 में से तकरीबन 50 मुसलमानों को उठाकर ले गए। उन्हें गोली मार दी और उनके शव एक नहर में फेंक दिए। इस जनसंहार में 42 लोगों को मृत घोषित किया गया था। इस घटना में पांच लोग जिंदा बच गए थे, जिन्हें अभियोजन पक्ष ने गवाह बनाया था। बता दें कि इस मामले से जुड़े सबूत नष्ट किए जाने की बात भी सामने आ चुकी है। पीड़ित परिवारों ने इसके लिए सीधे तौर पर केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। इस मामले के मुख्य चश्मदीद गवाह थे जुल्फिकार नसीर। वह किसी तरह बच गए थे ।
मेरठ के हाशिमपुरा काण्ड का फाइल फोटो : जनमत एक्सप्रेस ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पिता की हत्या का आरोपी बेटा गिरफ्तार, खेत में घेरकर दो तमंचों से बरसाईं थीं गोलियां

हैरतअंगेज: सब्जी में थूक लगाने की घटना पुलिस की ही थी साजिश, जांच के बाद दोषी सिपाही निलंबित

सपा प्रत्याशी की आवभगत में लगे उसहैतवासी, सुरेंद्र बोले 'इंटर कॉलेज दोगे तब करेंगे सपोर्ट'