नूरी रज़ा मैमोरियल कॉलेज में मौलाना अब्दुल कलाम आजाद को दी गई श्रद्धांजलि
सैदपुर बदायूँ जनमत । मौलाना अब्दुल कलाम आजाद की
61वी बरसी के मौके पर कालेज मे स्टाफ सहित छात्र छात्राओ ने उन्हे श्रद्धांजलि दी । साथ
ही उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया ।
कस्बा के नूरी रज़ा मैमोरियल कालेज में मौलाना अब्दुल कलाम आजाद की
61वी वरसी पर उन्हे यादकर कर श्रद्धांजलि दी गई प्रधानचार्य एस एच कुरैशी ने कहा कि मौलाना अबुल
कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन 22 फरवरी, 1958 दुनिया से विदा हुए वह एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान
थे । वे कवि, लेखक, पत्रकार और
भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक
रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम
एकता के लिए कार्य किया, वे अलग मुस्लिम राष्ट्र (पाकिस्तान) के सिद्धांत
का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओ में से थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण
भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय नेशनल काग्रेंस के सबसे
कम उम्र के प्रेसीडेंट बने । वे 1940 और 1945 के बीच काग्रेंस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के बाद
वे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952
में
सांसद चुने गए और वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने। इस मौके पर अनूप कुमार, फातिमा खातून, मुशहिदा, सतीश कुमार, धनपाल शर्मा जैनव खातून, उपासना शर्मा, मौजूद रहे ।
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