मात खाने के बाद काँग्रेस के खिलाफ सपा ने किया एक और इक्के का प्रयोग, अब शरीफ ने आबिद को घेरा

बदायूँ जनमत । समाजवादी अल्पसंख्यक सभा के शहर अध्यक्ष सगीर अली के बाद सपा ने काँग्रेस के खिलाफ अब एक इक्के का प्रयोग किया है । बता दें सगीर अली काँग्रेस नेताओं पर आरोप लगाने बाद अपने आरोपों से ही मुकर गये थे, जिसका ऑडियो भी वायरल हो चुका । सगीर अली से मात खाने के बाद सपा ने अब अपने नये इक्के के रूप में सहसवान के सपा नगर उपाध्यक्ष शरीफ अहमद उर्फ भूरे चौधरी को प्रयोग किया है ।
सपा के सहसवान नगर उपाध्यक्ष श्री चौधरी ने अपने जारी बयान में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष, पूर्व विधायक आबिद रज़ा व कांग्रेस प्रदेश महासचिव ओमकार सिंह एवं जिलाध्यक्ष साजिद अली के जारी संयुक्त बयान पर कड़ी प्रतिकिर्या व्यक्त करते हुए कहा है कि आबिद रज़ा सांसद धर्मेन्द्र यादव पर जो आरोप लगा रहे हैं उससे पहले वोह अपने बारे में सोचे कि उन्होंने मुसलमानों और ख़ास कर पार्टी के कार्यकर्ताओं, प्रधानो, बीडीसी सदस्यों को कितनी पैसे या रिश्वत दी थी । सबसे पहले वह सहसवान क्षेत्र से ज़िला पंचायत का चुनाव लड़े थे तो उन्होंने कितना पैसा दिया था, उसके बाद बदायूँ से चेयरमैनी लड़ी तो उन्होंने कितना पैसा दिया, उसके बाद बदायूँ से विधायकी लड़ी तो कितना पैसा दिया था । आज तक जो उनको दिया है उनको पैरो चलना सिखाया है । 
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और बदायूँ के मुसलमानों ने उनको चलना सिखा दिया वरना उनको पैरो को चलना भी नही आता था । आज धर्मेन्द्र यादव पर आरोप लगाने से पहले अपने बारे में सोचे, मुसलमानों पर आरोप लगाने से पहले अपने बारे में सोचे, जो कौम को बदनाम करता है वो खुद बदनाम हो जाता है और अल्लाह उसकी पहले ही अक्ल छीन लेता है, जैसा कि आज आबिद रज़ा की छीन ली है । वह सांसद धर्मेन्द्र यादव पर जो आरोप लगा रहे हैं कि समाजवादी पार्टी या सांसद ने पैसा बहा कर ख़ास कर मुस्लमानो को पैसा बाट कर चुनाव लड़ा है, अगर आबिद इस आरोप को साबित करे तो या तो मैं नगर उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दूंगा नही तो आबिद रज़ा कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दे । दूसरी बात यह मेरा दावा है मैं एक छोटा सा पदाधिकारी हूँ लेकिन समाजवादी पार्टी को अपने बूथ से जिताकर भेजूंगा । वह चुनाव के परिणाम आने से पहले ही अपनी हार मान चुके हैं और उनकी बोखलाहट यह बताती है कि उनके बूथ पर भी कांग्रेस हार रही है । वह ज़मानत भी नही बचा पा रहे हैं । सहसवान से लेकर बदायूँ तक जितने कांग्रेस के नेता हैं सब अपने बूथ पर हार रहे हैं ।

उन्होंने कहा है कि आबिद रज़ा को बयान जारी करने से पहले यह सोचना चाहिए था कि समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता खास कर मुस्लमानो ने उन्हें दो बार चेयरमेन व विधायक बनाया है, और सलीम इक़बाल शेरवानी को भी चार बार संसद में भेजा । तब भी क्या मुस्लिम कौम को पैसों से खरीदा था, इन बयानों से मुस्लिम कौम खुद को अपमानित महसूस कर रही हैं ।

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