सपा नेत्री माधवी साहू का भगवान दास अस्पताल सील

बदायूँ जनमत । मंगलवार को डीएम दिनेश कुमार सिंह के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट केके अवस्थी, सीएमओ डा. राजेंद्र प्रसाद, एसीएमओ डा. मंजीत सिंह, डा. कौशल गुप्ता ने लिपिक संजीव कुमार के साथ शहर के लावेला चौक स्थित भगवान दास साहू मेमोरियल अस्पताल पर छापा मारा। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में डाक्टरों के बारे में पूछा तो कोई डाक्टर व कर्मचारी मौजूद नहीं मिला ।
एक-दो कर्मचारी मिले, जो एक घंटे तक तो जानकारी नहीं दे सके। टीम ने रजिस्ट्रेशन देखा तो रिन्युअल नहीं हुआ था, वहीं पैथोलॉजी लैब बिना रजिस्ट्रेशन के चलती मिली। लैब में मानक अनुसार व्यवस्थाएं नहीं मिलीं। वहीं ओटी और डिलीवरी रूम भी मानक अनुसार नहीं है। आठ बेड के अस्पताल में मानक बिना अस्पताल चलने पर टीम ने कार्रवाई की है। अधिकारी डाक्टरों की सूची देख डाक्टरों व संचालक को बुलाते रहे, लेकिन कोई डाक्टर व संचालक नहीं पहुंचे, न ही दस्तावेज देखने को मिले ।
जिसके बाद कार्रवाई की शुरुआत हुई । एक घंटा इंतजार के बाद पहुंचे डाक्टर गफ्फार पहुंचे और उनसे अस्पताल के बारे में जानकारी ली तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सके हैं । जिसके चलते सील कर दिया गया। अस्पताल की संचालक माधवी साहू पर विभागीय धाराओं के अनुसार सदर कोतवाली पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है। तड़पता रहा मरीज, अस्पताल को भेजासिटी मजिस्ट्रेट तथा सीएमओ ने जब छापा मारा तो एक मरीज भर्ती था। ककराला निवासी गौरव गुप्ता की पत्नी संगीता भर्ती थीं। जिनकी हालत गंभीर थी, लेकिन कोई देखने वाला नहीं था। इस गंभीर हालत में महिला को सीएमओे ने जिला अस्पताल भेजा है।

सवालों के घेरें में स्वास्थ्य विभाग

संचालक माधवी साहू के अनुसार अस्पताल के रजिस्ट्रेशन को रिन्युअल को आवेदन कर रखा है। लैब के लिए आवेदन भी किया है, मगर विभाग ने प्रदूषण बोर्ड की एनओसी पर लाइसेंस नहीं दिया है। पिछली बार बिना एनओसी के लाइसेंस कैसे दे दिया गया। वहीं तीन नंबवर 2018 को हुआ लाइसेंस 31 मार्च 2019 को खत्म होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस क्यों नहीं दिया। वहीं लाइसेंस मांगने पर विभाग के कुछ अफसर अपने दम पर अस्पताल चलाने की बात करते रहे।

20 फीसदी छूट पर हो रहीं थी जांच

अस्पताल के अंदर पैथोलॉजी लैब संचालित थी। जिसमें ब्लड समेत तमाम जांच की व्यवस्था थी, मगर अफसरों के अनुसार लैब का पंजीकरण नहीं है न ही कोई आवेदन किया है। मगर संचालक के अनुसार आवेदन कर दिया। बरहाल चौंकाने वाली बात एक सामने यह आई कि पैथोल़ॉजी लैब में 20 फीसदी छूट पर जांच हो रही हैं। इसके लिए पंपलेट भी जारी कर रखे हैं। संचालक ने इसके लिए 15 जनवरी को आवेदन किया था।

ऊपर गेस्ट हाउस, अंदर होटल

भगवान दास साहू मेमोरियल अस्पताल के ऊपर उन्हीं का गेस्ट हाउस संचालित है, वहीं नीचे की बिल्डिंग में पीछे होटल चल रहा है। दूसरे ओर होटल देख सिटी मजिस्ट्रेट चौंक गए। इसके बाद होटल के दरवाजे स्थाई रूप से बंद करने को कहा।

कार्रवाई से बचने को छुपाते रहे चाबी

मंगलवार को अस्पताल सील करने की जब कार्रवाई की गई तो चाबी स्टाफ से मांगी गई, तो स्टाफ के लोग चाबी छिपाने लगे। किसी गेट की चाबी मिल नहीं रही थी, तो किसी गेट पर ताला न डालने की बात कहते रहे। मगर प्रशासन ने अपनी मोहर सील लगा दी।

डीएम के निर्देश पर सीएमओ के साथ निरीक्षण किया, रजिस्ट्रेशन न तो अस्पताल का था, न ही पैथोलॉजी लैब का। मरीज गंभीर अवस्था में था, इलाज करने वाला कोई डाक्टर-कर्मचारी नहीं था, मानकों के विपरीत चलने पर सीलकर मुकदमा दर्ज करा दिया है।

केके अवस्थी, सिटी मजिस्ट्रेट

कोई डाक्टर-कर्मचारी मौजूद नहीं था, महिला मरीज तड़प रही थी। जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। अस्पताल के रजिस्टेशन रिन्युअल हुआ नहीं है, पैथोलॉजी लैब का रजिस्ट्रेशन नहीं है। ओटी से लेकर इमरजेंसी और वार्डों तक मरीजों की व्यवस्था मानक अनुसार नहीं थी। सीलकर मुकदमा दर्ज कराया है।

डा. राजेंद्र प्रसाद, सीएमओ


रजिस्ट्रेशन हमारा है, रिन्युअल के लिए फाइल लगाई है, प्रदूषण की एनओसी विभाग ने मांगी थी इसलिए रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है। लैब के रजिस्ट्रेशन को भी आवेदन किया है, सभी डाक्टर के दस्तावेज हैं। अचानक बिना किसी सूचना के ऐसी कार्रवाई प्रशासन की मनमानी है। राजनीतिक दबाव में कार्रवाई की गई है, डीएम को अपना पक्ष लिखकर दिया है। हमारे डाक्टर-स्टाफ मौजूद था, गलत आरोप लगाकर सील किया है।

माधवी साहू, संचालक भगवान दास साहू मेमोरियल अस्पताल

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