बिहार में चमकी बुखार से 113 बच्चों की मौतें, 20 दिन बाद पहुँचे सीएम के खिलाफ लगे नारे

जनमत एक्सप्रेस । बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की मौत को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई को तैयार हो गया है । अब इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी । अब तक चमकी बुखार से 113 बच्चों की मौत हो चुकी है । इस मामले में दो वकीलों ने जनहित याचिका दायर की है ।
याचिका में कहा गया है कि प्रभावित इलाकों में केंद्र और बिहार सरकार को 500 आईसीयू स्थापित करने और मेडिकल एक्सपर्ट टीम भेजने के निर्देश दिए जाएं । साथ ही 100 मोबाइल आईसीयू मुजफ्फरपुर भेजा जाए और मेडिकल बोर्ड बनाया जाए ।
बिहार में चमकी बुखार का कहर मौत बनकर टूट रहा है । मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मौतों का सिलसिला शुरू होने के 20 दिन बाद मंगलवार को मुजफ्फरपुर का दौरा किया । यहां सैकड़ों लोगों ने उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया । एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से अब तक 112 बच्चों की मौत हो चुकी है ।
लोगों ने विरोध प्रदर्शन श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) के बाहर किया, जहां सीएम नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी पहुंचे थे । सुविधाओं की कमी और खराब इलाज को लेकर प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री वापस जाओ के नारे लगाए । नीतीश कुमार और सुशील मोदी ने अस्पताल में भर्ती बच्चों और उनके तीमारदारों से मुलाकात की. लेकिन प्रदर्शन कर रहे लोगों से बात किए बिना ही वे लोग वहां से चले गए ।

ये हैं चमकी बुखार के लक्षण...

चमकी बुखार एक दिमागी बुखार है. यह संक्रामक बीमारी है, जिसके वायरस शरीर में पहुंचते ही खून में शामिल होकर अपना प्रजनन शुरू कर देते हैं. शरीर में इस वायरस की संख्या बढ़ने पर ये खून के साथ मिलकर व्यक्ति के मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं । मस्तिष्क में पहुंचने पर ये वायरस कोशिकाओं में सूजन पैदा कर देते हैं. जिसकी वजह से शरीर का 'सेंट्रल नर्वस सिस्टम' खराब हो जाता है. चमकी बुखार में बच्चे को लगातार तेज बुखार चढ़ा रहता है । बदन में ऐंठन के साथ बच्चा अपने दांत पर दांत चढ़ाए रहता हैं. शरीर में कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश होता रहता है. शरीर में कंपन के साथ बार-बार झटके लगते रहते हैं. यहां तक कि शरीर भी सुन्न हो जाता है ।

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