दातागंज रेप पीड़िता प्रकरण : कोतवाल नहीं बल्कि सीओ ने दबा रखी थी पीड़िता की तहरीर

बदायूँ जनमत । एडीजी के आदेश को ताक में रखने वाले दातागंज कोतवाल पर भले ही निलंबन की गाज गिर गई हो, लेकिन अब तक संबंधित सीओ अपनी कुर्सी बचाने की जद्दोजद में है । क्योकिं आदेश दातागंज कोतवाल के लिए नहीं बल्कि दातागंज सीओ के लिए एडीजी ने लिखा था । जिसमें कहा गया था, कि मुकदमा दर्जकर वैधानिक कार्रवाई करे, अगर सीओ मामले का संज्ञान समय से लेते तो पीड़ित की जान बच सकती थी ।
दातागंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में 16 जून को पुलिस द्वारा न्याय न मिलने पर हताश होकर रेप पीड़िता ने आत्महत्या कर ली थी और पुलिस के कारनामों भरे सुसाइड नोट छोड़ दिये थे। जिससे पुलिस की कारगुजारी उजागार हो गई थी । तीन आरोपियों ने पीड़िता को अगवा कर लिया था और सिकंदराबाद ले जाकर उसके साथ सामूहिक रेप किया था। जिसके बाद उसके सोने चांदी के जेबरात छीन लिये थे । पीड़िता और उसके पिता ने दातागंज कोतवाली पुलिस से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई थी। लेकिन कोतवाल ने एक न सुनी थी । जिसके बाद पीड़िता 12 जून को एडीजी बरेली से मिली । एडीजी ने सीओ दातागंज को उक्त मामले में मुकदमा दर्जकर वैधानिक कार्रवाई के लिए आदेशित किया । परिजनों का कहना है, 13 जून को सीओ दातागंज ने पीड़िता को बयानों के लिए बुलाया था । बयानों के दो दिन बाद भी जब मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो पीड़िता हताश हो गई और जीने की उम्मीद खोकर आत्महत्या कर ली । जबकि सीओ दातागंज के कार्यालय से दातागंज कोतवाली महज पांच मीटर की दूरी पर है । फिर एडीजी के आदेश को पहुंचने में तीन दिन कैसे लग गए । प्रथम दृष्टया लापरवाही के आधार पर एसएसपी ने तत्कालीन कोतवाली प्रभारी अमृतलाल को निलंबित कर दिया । लेकिन इस कार्रवाई से पीड़िता के परिजन खुश नहीं है । ऐसे में पूरी गलती दातागंज कोतवाली की नहीं, सीओ दातागंज की है । जिन्होंने एडीजी के आदेश को अपने पास ही रख लिया और बयानों में पीड़िता को उलझाये रहे । जिससे सीओ दातागंज की भी भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध प्रतीत हो रही है ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पिता की हत्या का आरोपी बेटा गिरफ्तार, खेत में घेरकर दो तमंचों से बरसाईं थीं गोलियां

हैरतअंगेज: सब्जी में थूक लगाने की घटना पुलिस की ही थी साजिश, जांच के बाद दोषी सिपाही निलंबित

सपा प्रत्याशी की आवभगत में लगे उसहैतवासी, सुरेंद्र बोले 'इंटर कॉलेज दोगे तब करेंगे सपोर्ट'