कवयित्री सोनरूपा विशाल के गीत संग्रह 'पिछले बरस का गुलमोहर' का हुआ लोकार्पण

बदायूँ जनमत । कवयित्री सोनरूपा विशाल के गीत संग्रह 'पिछले बरस का गुलमोहर' का लोकार्पण शाम आयोजित कार्यक्रम में  होटल कंट्री इन में सम्पन्न हुआ । लोकार्पण के इस कार्यक्रम में देश के सुनाम धन्य गीतकार नवगीतकार माहेश्वर तिवारी, डॉ कुँवर बेचैन, डॉ बुद्धिनाथ मिश्र, दिनेश प्रभात, डॉ विष्णु सक्सेना एवं डॉ सर्वेश अस्थाना उपस्थित रहे ! मुख्य अतिथि के रूप में ज़िलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी रहे । दोनों ही अतिथियों द्वारा डॉ. सोनरूपा विशाल  बधाई देते उनके संग्रह की प्रशंषा की । कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों एवं साहित्यकारों द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर एवं पुश अर्पित किया गया ।
सभी अतिथियों का विशाल रस्तोगी द्वारा बुके एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया । सभी अतिथियों एवं साहित्कारों द्वारा डॉ. सोनरूपा विशाल की पुस्तक का विमोचन किया गया । आयोजन में सोनरूपा विशाल की कृति पर वक्तव्य देते हुए भोपाल से पधारे सुमधुर गीतकार एवं गीत की प्रतिष्ठित पत्रिका 'गीतगागर'' के सम्पादक श्री दिनेश प्रभात ने कहा अगर बदायूँ आकर मुझसे कोई पूछे कि गीत कहाँ रहता है तो मैं कहूँगा गीत सोनरूपा के कंठ में बसता है,उनकी आत्मा में बसता है,उनके प्रेम में बसता है!
हिंदी गीति काव्य को अपने नवगीतों से समृद्ध करने वाले हस्ताक्षर डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने कृति पर बोलते हुए कहा कि सोनरूपा की सजी संवरी भाषा,गहरी अर्थवत्ता और सूक्ष्म अंतर्दृष्टि पाठकों को मंत्रविद्द कर देगी !
डॉ कुँअर बेचैन ने सोनरूपा विशाल को बधाई देते हुए उनके गीतों को विभिन्न छवियों वाला बताया उन्होंने कहा कि सोनरूपा के गीत तन्मयता के बालेंदु हैं,रसभरे घट हैं ,ताज़ा हवा का झोंका और भावनाओं से भरे बादलों की पहली फुहार हैं ।
प्रसिद्ध गीतकार डॉ विष्णु सक्सेना ने आशीष देते हुए कहा
हमारे गीतों की गुलमोहर प्रिय सोनरूपा विशाल के तृतीय रचना संग्रह "पिछले बरस के गुलमोहर" पर प्रभु से प्रार्थना है हर वर्ष सोनरूपा का एक गुलमोहर का पौधा लगाए ।
हिन्दी नवगीत विधा के वरिष्ठ रचनाकार माहेश्वर तिवारी ने कहा कि सोनरूपा के गीत अनुभवों के विविध सोपानों पर चढ़ते उतरते हुए जीवंत दृश्य हैं उन्होंने उनको सदा सृजनरत रहने का आशीष दिया ।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे साहित्यिक पत्र साहित्यगन्धा के सम्पादक लखनऊ से आये डॉ सर्वेश अस्थाना ने कहा कि सोनरूपा अपने गीतों में एक सुंदर दुनिया बनाने का ख़्वाब देखती है  । प्रेम,समभाव से लबरेज़ उसके गीत आज की दुनिया की ज़रूरत हैं ! इस अवसर पर सोनरूपा ने अपने लेखन को एक नदी सरीखा बताया जिसने अपनी राह ख़ुद बना ली, जिसके घाट विषयों की तरह बदलते रहे! उन्होंने अपने भीतर गीतों के स्फुटन को अपने पारिवारिक संस्कारों की परिणिति कहा! कार्यक्रम का प्रारंभिक संचालन डॉ अक्षत अशेष ने किया ! फरीदपुर से पधारी विदुषी लेखिका एवं व्याख्याता श्रीमती अंजू शर्मा ने सोनरूपा का संक्षिप्त परिचय दिया ।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत,अपर जिलाधिकारी प्रशासन राम निवास शर्मा, पुलिस अधीक्षक नगर जितेंद्र श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट कमलेश कुमार अवस्थी, पुलिस क्षेत्राधिकारी राघवेंद्र सिंह राठौर, पूर्व विधायक एवं जिलाध्यक्ष प्रेमस्वरूप पाठक, नगर पालिका बदायूँ की अध्यक्ष दीपमाला गोयल, उसहैत चेयरपर्सन सेनरा वैश्य, दातागंज चेयरमैन आकाश वर्मा, पूर्व चेयरमैन राजीव गुप्ता एवं गौरव कुमार, मुरादाबाद से पधारे पंकज दर्पण, श्यामजी शर्मा, अवधेश पाठक, डॉ. रामबहादुर व्यथित, महेश मित्र, नवनीत रस्तोगी, डॉ. उर्मिलेश की धर्मपत्नी मंजुल शंखधर, पुत्री रजतरूपा, वधु ऋचा अशेष, अभिषेक शर्मा, अजीत कुमार सिंह, गौरव गर्ग, डॉ. गोपाल मिश्रा,सुभाष अग्रवाल, डॉ संजीव सक्सेना, डॉ प्रशांत कोहली, सुमित मिश्रा, सोमेंद्र शंखधार,गुरुचरण मिश्रा, राहुल चौबे, रविंद्र मोहन सक्सेना, टिल्लन वर्मा, किशन शर्मा, राजीव अवस्थी, भारतेंदु मिश्रा, हितेंद्र शंखधार, अशोक भारतीय, नरेंद्र गरल,कामेश पाठक,अजीत सिंह,राजन मेहंदीरत्ता, विनीत शर्मा, संजय आर्य,महेश मित्र, अभिषेक अनंत, हसीब सोज, रजनी मिश्रा, डॉ मधु गौतम, विनोद सक्सेना बिन्नी,नरेश चंद्र शंखधार,डॉ सौरभ शंखधार, हरि अग्रवाल, प्रतीश गुप्ता, पीयूष शास्त्री, अरविंद धवल, कुमार आशीष आदि उपस्थ्ति रहे ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पिता की हत्या का आरोपी बेटा गिरफ्तार, खेत में घेरकर दो तमंचों से बरसाईं थीं गोलियां

हैरतअंगेज: सब्जी में थूक लगाने की घटना पुलिस की ही थी साजिश, जांच के बाद दोषी सिपाही निलंबित

सपा प्रत्याशी की आवभगत में लगे उसहैतवासी, सुरेंद्र बोले 'इंटर कॉलेज दोगे तब करेंगे सपोर्ट'