पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के 87 वें जन्मदिन पर काँग्रेसियों ने केक काटा
बदायूँ जनमत । भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवम राज्यसभा सांसद डॉक्टर मनमोहन सिंह 87 वे जन्मदिन के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव ओमकार सिंह के नेतृत्व में उनके प्राइवेट बस स्टैंड स्थित कैम्प कार्यालय पर केक काटा गया ।
ओमकार सिंह ने कहा कि यूपीए को 2004 के चुनाव के बाद बहुमत मिला तो मनमोहन सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की इच्छा से प्रधानमंत्री चुना गया था । मनमोहन सिंह एक कुशल राजनेता के साथ-साथ एक विद्वान, अर्थशास्त्री और विचारक भी हैं । वे जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के ऐसे प्रधानमंत्री बने जो सफलतापूर्वक पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने ।
21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक मनमोहन सिंह ने नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मंत्री के रूप में भी कार्य किया । मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में भारत में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की । उन्होंने कहा कि नोटबन्दी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने भाजपा सरकार को इसकी चेतावनी दी थी कि देश की आर्थिक स्थिति खराब हो जाएगी । आज भाजपा के नोटबन्दी जीएसटी जैसे तानाशाह फैसले का ही असर है जो हर तरफ मंडी का अहंकार है यहां तक कि पंजाब एंड महाराष्ट्र बैंक की शाखाओं में लोगो को अपनी ही मेहनत से कमाई जमा राशि को नही निकालने दिया जा रहा है।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि 1985 में राजीव गांधी के शासन काल में मनमोहन सिंह को भारतीय योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया । इस पद पर उन्होंने निरन्तर 5 सालों तक कार्य किया, जबकि 1990 में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार बनाए गए । इसी दशक में उदारवादी नीतियों को लागू करने की वजह से वह दौरान वह मध्यवर्ग के चहेते बन गए । इस सुधारों की वजह से भारतीय बाजार खुला और यहां का मध्यवर्ग समृद्ध हुआ ।
गोष्ठी का संचालन युवा कांग्रेस अध्यक्ष शफ़ी अहमद ने किया । इस अवसर पर रीजनल कॉर्डिनेटर रिसर्च विभाग गौरव सिंह राठौर, जिला अल्पसंख्यक विभाग चेयरमैन वफ़ाती मियाँ, छात्र कांग्रेस नेता अरबाज़ रज़ी, सर्वेश खान, रफत अली खान, प्रदीप, संदीप, सोनू, अकबर अहमद डंपी, अज़हर अली, धर्मेन्द्र पुरी, हसन, श्याम सिंह, बख्तियार, दिनेश गौड़ आदि कांग्रेसजन मौजूद रहे ।
ओमकार सिंह ने कहा कि यूपीए को 2004 के चुनाव के बाद बहुमत मिला तो मनमोहन सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की इच्छा से प्रधानमंत्री चुना गया था । मनमोहन सिंह एक कुशल राजनेता के साथ-साथ एक विद्वान, अर्थशास्त्री और विचारक भी हैं । वे जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के ऐसे प्रधानमंत्री बने जो सफलतापूर्वक पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने ।
21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक मनमोहन सिंह ने नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मंत्री के रूप में भी कार्य किया । मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में भारत में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की । उन्होंने कहा कि नोटबन्दी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने भाजपा सरकार को इसकी चेतावनी दी थी कि देश की आर्थिक स्थिति खराब हो जाएगी । आज भाजपा के नोटबन्दी जीएसटी जैसे तानाशाह फैसले का ही असर है जो हर तरफ मंडी का अहंकार है यहां तक कि पंजाब एंड महाराष्ट्र बैंक की शाखाओं में लोगो को अपनी ही मेहनत से कमाई जमा राशि को नही निकालने दिया जा रहा है।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि 1985 में राजीव गांधी के शासन काल में मनमोहन सिंह को भारतीय योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया । इस पद पर उन्होंने निरन्तर 5 सालों तक कार्य किया, जबकि 1990 में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार बनाए गए । इसी दशक में उदारवादी नीतियों को लागू करने की वजह से वह दौरान वह मध्यवर्ग के चहेते बन गए । इस सुधारों की वजह से भारतीय बाजार खुला और यहां का मध्यवर्ग समृद्ध हुआ ।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जन्मदिन पर केक काटते हुए कांग्रेसी : जनमत एक्सप्रेस । |
गोष्ठी का संचालन युवा कांग्रेस अध्यक्ष शफ़ी अहमद ने किया । इस अवसर पर रीजनल कॉर्डिनेटर रिसर्च विभाग गौरव सिंह राठौर, जिला अल्पसंख्यक विभाग चेयरमैन वफ़ाती मियाँ, छात्र कांग्रेस नेता अरबाज़ रज़ी, सर्वेश खान, रफत अली खान, प्रदीप, संदीप, सोनू, अकबर अहमद डंपी, अज़हर अली, धर्मेन्द्र पुरी, हसन, श्याम सिंह, बख्तियार, दिनेश गौड़ आदि कांग्रेसजन मौजूद रहे ।
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