मॉब लींचिंग, जौहर यूनिवर्सिटी और सांसद आजम को लेकर इस्लामिक इन्टेलेक्चुअल बोर्ड का मौन उपवास
बदायूँ जनमत । इस्लामिक इन्टेलेक्चुअल बोर्ड बदायूँ के तत्वाधान में आज शनिवार 21 सितंबर को नेशनल चेयरमैन व पूर्व मंत्री मौलाना डॉ यासीन अली उस्मानी की क़यादत में शहर के यूनियन क्लब में "मौन-उपवास" का कार्यक्रम आयोजित किया गया । यह कार्यक्रम माँव-लीचिंग और सांसद मोहम्मद आज़म खान के खिलाफ रामपुर ज़िला प्रशासन द्वारा की जा रही करवाहियो के खिलाफ आयोजित किया गया ।
मौन उपवास शुरू किये जाने से पहले डॉ यासीन उस्मानी ने कार्यक्रम मे उपस्थित लोगो को संबोधित करते कहा कि देश में पिछले 1-2 वर्षो से लागातार माँव लीचिंग की घटनाये घटित हो रही है । रास्ता चलते, यात्रा करते, कही भी किसी निर्दोष, निहत्थे व्यक्ति को धर्म, मज़हब, ज़ात, ब्रादरीे के जुनून या कोई भी निराधार आरोप लगाकर भीड़ मारना शुरू कर देती है । भीड़ के द्वारा यहाँ तक मार दिया जाता है की वह जान से भी हाथ धो बैठता है ।
उन्होंने कहा कि दुनियां के महान लोकतंत्र हमारे भारत मे इस प्रकार की लगातार हो रही अमानवीय घटनाये पूरी इंसानी ब्रादरी और सभ्य समाज को शर्मसार कर रही है । इन घटनाओ का दुखद पहलू यह भी है की अभी तक इस प्रकार की घटनाओ मे शामिल किसी भी आरोपी को कानून द्वारा वाज़िब सज़ा नहीं दी जा सकी है ।
आज के मौन उपवास के माध्यम से हम इन अमानवीय घटनाओ की घोर निंदा करते हुए महामहिम राष्ट्रपति से मांग करते हैं कि इनको रोकने के लिए कड़े कानून बनाये जाये। विशेष अदालते क़ायम करें ताकि पीड़ित लोगो को न्याय मिल सके । इन घटनाओ से पीड़ित और प्रभावित लोगो को कम से कम 25-25 लाख का मुआवजा दिया जाये ।
मौलाना यासीन अली उस्मानी ने आगे कहा कि दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा जौहर विश्वविद्यालय रामपुर का है ।रामपुर जिला प्रशासन पिछले कई महीने से लगातार जौहर यूनिवर्सिटी के हितों के विरूद्ध कार्य कर रहा है । जिला प्रशासन द्वारा जौहर यूनिवर्सिटी के संस्थापक सांसद मोहम्मद आजम खां और दूसरे ट्रस्टीज के खिलाफ अनर्गल और बेबुनियादी आरोप लगाकर बदले की भावना से करवाई कर रहा है । इस सम्पूर्ण करवाई से उस यूनिवर्सिटी को नुकसान पहुंचाने की गन्ध आती कि जो यूनिवर्सिटी गरीबों और कमज़ोर समाज के बच्चो के जीवन को साजने की नियत से समाजवादी पार्टी की मदद से स्थापित की गई थी ।
इस उपवास के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति से मांग है कि आजम खां पर लगे तमाम बेबुनियादी मुकदमे को सरकार वापस ले और बदले की करवाहियो को बन्द करे । ताकि जौहर यूनिवर्सिटी के हितों की रक्षा सुनिशिचत हो सके ।
इस जनपदीय स्तर के कार्यक्रम में जनपद के विभिनन स्थानों से आये जन प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, धार्मिक ज़िम्मेदारों और बुद्धीजिवियो ने शिरकत की।
विशेष रूप से जिला जनरल सेक्रेरेट्री अनस आफताब एडवोकेट, नेशनल प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर साहिबे आलम खां, इबादुर रहमान, फरहद सिद्दीक़ी, मो०मिया, फाहद एडवोकेट, हाफ़िज़ इरफान, रासिख मिया, मोहम्मद नज़र, फखरे अहमद, आशीष यादव, बलवीर यादव, इंदु सक्सेना, वीटू, डॉ. शकील, डॉ नईम, डॉ. बाक़ी, ज़फर एडवोकेट, अनवर आलम ऐड, कक्के चेयरमैन, फहीम, फैज़ान आज़ाद, अंजू, तौसीफ खान, विपिन यादव, अवधेश यादव आदि मौजूद रहे ।
मौन उपवास शुरू किये जाने से पहले डॉ यासीन उस्मानी ने कार्यक्रम मे उपस्थित लोगो को संबोधित करते कहा कि देश में पिछले 1-2 वर्षो से लागातार माँव लीचिंग की घटनाये घटित हो रही है । रास्ता चलते, यात्रा करते, कही भी किसी निर्दोष, निहत्थे व्यक्ति को धर्म, मज़हब, ज़ात, ब्रादरीे के जुनून या कोई भी निराधार आरोप लगाकर भीड़ मारना शुरू कर देती है । भीड़ के द्वारा यहाँ तक मार दिया जाता है की वह जान से भी हाथ धो बैठता है ।
उन्होंने कहा कि दुनियां के महान लोकतंत्र हमारे भारत मे इस प्रकार की लगातार हो रही अमानवीय घटनाये पूरी इंसानी ब्रादरी और सभ्य समाज को शर्मसार कर रही है । इन घटनाओ का दुखद पहलू यह भी है की अभी तक इस प्रकार की घटनाओ मे शामिल किसी भी आरोपी को कानून द्वारा वाज़िब सज़ा नहीं दी जा सकी है ।
आज के मौन उपवास के माध्यम से हम इन अमानवीय घटनाओ की घोर निंदा करते हुए महामहिम राष्ट्रपति से मांग करते हैं कि इनको रोकने के लिए कड़े कानून बनाये जाये। विशेष अदालते क़ायम करें ताकि पीड़ित लोगो को न्याय मिल सके । इन घटनाओ से पीड़ित और प्रभावित लोगो को कम से कम 25-25 लाख का मुआवजा दिया जाये ।
मौलाना यासीन अली उस्मानी ने आगे कहा कि दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा जौहर विश्वविद्यालय रामपुर का है ।रामपुर जिला प्रशासन पिछले कई महीने से लगातार जौहर यूनिवर्सिटी के हितों के विरूद्ध कार्य कर रहा है । जिला प्रशासन द्वारा जौहर यूनिवर्सिटी के संस्थापक सांसद मोहम्मद आजम खां और दूसरे ट्रस्टीज के खिलाफ अनर्गल और बेबुनियादी आरोप लगाकर बदले की भावना से करवाई कर रहा है । इस सम्पूर्ण करवाई से उस यूनिवर्सिटी को नुकसान पहुंचाने की गन्ध आती कि जो यूनिवर्सिटी गरीबों और कमज़ोर समाज के बच्चो के जीवन को साजने की नियत से समाजवादी पार्टी की मदद से स्थापित की गई थी ।
इस उपवास के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति से मांग है कि आजम खां पर लगे तमाम बेबुनियादी मुकदमे को सरकार वापस ले और बदले की करवाहियो को बन्द करे । ताकि जौहर यूनिवर्सिटी के हितों की रक्षा सुनिशिचत हो सके ।
इस जनपदीय स्तर के कार्यक्रम में जनपद के विभिनन स्थानों से आये जन प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, धार्मिक ज़िम्मेदारों और बुद्धीजिवियो ने शिरकत की।
विशेष रूप से जिला जनरल सेक्रेरेट्री अनस आफताब एडवोकेट, नेशनल प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर साहिबे आलम खां, इबादुर रहमान, फरहद सिद्दीक़ी, मो०मिया, फाहद एडवोकेट, हाफ़िज़ इरफान, रासिख मिया, मोहम्मद नज़र, फखरे अहमद, आशीष यादव, बलवीर यादव, इंदु सक्सेना, वीटू, डॉ. शकील, डॉ नईम, डॉ. बाक़ी, ज़फर एडवोकेट, अनवर आलम ऐड, कक्के चेयरमैन, फहीम, फैज़ान आज़ाद, अंजू, तौसीफ खान, विपिन यादव, अवधेश यादव आदि मौजूद रहे ।
बदायूं : मौन उपवास पर बैठे हुए इस्लामिक इन्टेलेक्चुअल बोर्ड के चेयरमैन व सदस्यगण : जनमत एक्सप्रेस । 9997667313 |
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