बदायूं : रामलीला महोत्सव में युवा मंच संगठन ने कराया कवि सम्मेलन
बदायूँ जनमत । रामलीला महोत्सव में उज्जव वशिष्ठ के संचालन में युवा मंच संगठन द्वारा सृजित अखिल भारतीय अद्भुत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । जिसके मुख्य अतिथि विपिन अग्रवाल और विशिष्ठ अतिथि अरविंद कांत, हरिकृष्ण वर्मा, विशेष अतिथि सीमा राठौर व यू०के०वैश्य एड रहे ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता दिनेश गुप्ता बंटी ने की । मुख्य अतिथि विपिन अग्रवाल, दिनेश गुप्ता बंटी के साथ सुशील मौर्य एवं दिलीप जोशी ने सरस्वती माँ के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्प अर्पित किये । कार्यक्रम का शुभारंभ शुभम वशिष्ठ एवं पवन शंखधार ने सरस्वती वन्दना से किया गया ।
आमंत्रित कवियों को ध्रुव देव गुप्ता ने इन पंक्तियों के साथ मंच पर बुलाया
दिल सागर जैसा रखिये सहाब,
नदियां खुद मिलने आएंगी ।
बिल्सी से आये वरिष्ठ कवि नरेन्द्र गरल ने पढ़ा
धरा धंसती हुयी सीता पुकारे,
इसी दिन को धनुष तोड़ा गया है।
कमलकान्त तिवारी ने पढ़ा-
कह दो भारत की संसद से और सियासतदारों से,
जंग नहीं जीती जाती है जंग लगे हथियारों से ।
संभल से आये त्यागी अशोक कृष्णम् ने पढ़ा
जब अंधेरे भी सर को उठाने लगे,
वो स्वयं जल उठा और किरन हो गया।
बदायूँ के मशहूर शायर सुरेन्द्र नाज़ ने पढ़ा
मेरी बस्ती का हर बच्चा जो लक्ष्मण-राम हो जाये,
तो हर घर के बुज़ुर्गों को बड़ा आराम हो जाये।
बदायूँ की शायरा शिल्पी अनूप ने पढ़ा
हिचकियाँ क्यूँ मुसलसल चलीं हैं
मेरे पीछे क्या साजिश कहीं है ।
संचालन कर रहे उज्ज्वल वशिष्ठ ने पढ़ा
शरीफों को ज़माने में शराफत तोड़ देती है,
बचे लोगों को फिर मिलकर सियासत तोड़ देती है।
एच.बी.शायर के गीत, अहमद अमजदी की ग़ज़लें,और पवन शंखधार के लोकगीतों ने श्रोताओं का दिल जीत लिया।
अंत में युवा मंच संगठन के अध्यक्ष ध्रुव देव गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया और सभी कवियों एवं संगठन के पदाधिकारयों सहित कमलेश तिवारी के निधन पर दुःख प्रकट कर दो मिनट का मौन धारण कर श्रंद्धाजलि दी ।
कार्यक्रम में अली खान, दिलीप जोशी, सुशील कुमार मौर्य, शिखर देव, सचिन भारद्वाज, एवं मेला कमेटी का विशेष साथ रहा ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता दिनेश गुप्ता बंटी ने की । मुख्य अतिथि विपिन अग्रवाल, दिनेश गुप्ता बंटी के साथ सुशील मौर्य एवं दिलीप जोशी ने सरस्वती माँ के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्प अर्पित किये । कार्यक्रम का शुभारंभ शुभम वशिष्ठ एवं पवन शंखधार ने सरस्वती वन्दना से किया गया ।
आमंत्रित कवियों को ध्रुव देव गुप्ता ने इन पंक्तियों के साथ मंच पर बुलाया
दिल सागर जैसा रखिये सहाब,
नदियां खुद मिलने आएंगी ।
बिल्सी से आये वरिष्ठ कवि नरेन्द्र गरल ने पढ़ा
धरा धंसती हुयी सीता पुकारे,
इसी दिन को धनुष तोड़ा गया है।
कमलकान्त तिवारी ने पढ़ा-
कह दो भारत की संसद से और सियासतदारों से,
जंग नहीं जीती जाती है जंग लगे हथियारों से ।
संभल से आये त्यागी अशोक कृष्णम् ने पढ़ा
जब अंधेरे भी सर को उठाने लगे,
वो स्वयं जल उठा और किरन हो गया।
बदायूँ के मशहूर शायर सुरेन्द्र नाज़ ने पढ़ा
मेरी बस्ती का हर बच्चा जो लक्ष्मण-राम हो जाये,
तो हर घर के बुज़ुर्गों को बड़ा आराम हो जाये।
बदायूँ की शायरा शिल्पी अनूप ने पढ़ा
हिचकियाँ क्यूँ मुसलसल चलीं हैं
मेरे पीछे क्या साजिश कहीं है ।
संचालन कर रहे उज्ज्वल वशिष्ठ ने पढ़ा
शरीफों को ज़माने में शराफत तोड़ देती है,
बचे लोगों को फिर मिलकर सियासत तोड़ देती है।
एच.बी.शायर के गीत, अहमद अमजदी की ग़ज़लें,और पवन शंखधार के लोकगीतों ने श्रोताओं का दिल जीत लिया।
अंत में युवा मंच संगठन के अध्यक्ष ध्रुव देव गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया और सभी कवियों एवं संगठन के पदाधिकारयों सहित कमलेश तिवारी के निधन पर दुःख प्रकट कर दो मिनट का मौन धारण कर श्रंद्धाजलि दी ।
कार्यक्रम में अली खान, दिलीप जोशी, सुशील कुमार मौर्य, शिखर देव, सचिन भारद्वाज, एवं मेला कमेटी का विशेष साथ रहा ।
टिप्पणियाँ