धर्म के आधार पर सरकार इस काले कानून को वापस ले : मुफ्ती नूर मोहम्मद हसनी

पीलीभीत जनमत । ख्वाजा इमाम इस्लामिक ट्रस्ट के अध्यक्ष कादरी दारुल इफ्ता के काजी व मुफ्ती हजरत मौलाना मुफ़्ती नूर मो0 हसनी कादरी ने नागरिकता सन्शोधन विधेयक पर कड़ी निन्दा जताते हुए कहा कि यह कानून देश के इतिहास व हमारे शानदार संविधान पर खुला हमला है जो धर्म को आधार बनाकर बनाया जा रहा है ।
मुफ्ती नूर मोहम्मद हसनी कादरी ने कहा है कि इस कानून में बेसहारों को सहारा देने की बजाय उनके धर्म के आधार पर हद मुकर्रर करके निहायत ही घिनौनी सोच जाहिर कि है जो साम्प्रदायिकता के उरुज को जाहिर करती है ।
उन्होंने कहा है कि इस तरह के काले कानून की जितनी भी निन्दा की जाए कम है हम सब हिन्दुस्तानियों का फर्ज है कि इस तरह के सन्विधान विरोधी चीजों का एक जुट होकर पुर जोर विरोध करें ताकि हमारे देश की खूबसूरत संस्कृति व शानदार संविधान महफूज़ रहे ताकि बगैर किसी भेद भाव के मजबूरो व मजलूमो के साथ इन्साफ हो सके । सरकार से हम माग करते हैं कि के धर्म के आधार पर बन रहे इस काले कानून को तत्काल रुप से वापस लिया जाए और इन्साफ की बुनियाद पर सन्विधान के दायरे में कानून बनाया जाए । जिससे देश की धर्मनिरपेक्ष छवि महफूज रह सके ।
मुफ्ती श्री कादरी ने कहा है कि इसी शुक्रवार (जुमा) को जनपद की हर मस्जिद से CAB & NRC का पुरजोर विरोध किया जायेगा । उन्होंने ने तमाम दरगाहों के सज्जादानशीनो से अपील की है कि वह लोग अपनी अपनी खानकाहो से खुल कर मैदान में उतर कर इस काले कानून पर पाबंदी लगवायें ।
फाइल फोटो मुफ्ती नूर मोहम्मद हसनी : जनमत एक्सप्रेस । 9997667313

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