जामिया और एएमयू के छात्रों पर राजनीति ना करें विपक्ष : आसिफ सैफी
उत्तर प्रदेश जनमत । नागरिकता संशोधन विधेयक और एनआरसी को लेकर देश के मौजूदा हालात के मद्देनजर आज हिंदू मुस्लिम एकता समिति के प्रदेश सचिव आसिफ सैफी ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि CAB बिल के द्वारा भारत सरकार अपनी नाकामी छुपाना चाहती है ।
इसीलिए मोदी सरकार भारतवासियों के ऊपर जबरन यह बिल थोपना चाहती है । जिससे भारत की गिरती अर्थव्यवस्था पर कोई सवाल ना उठाएं । CAB बिल को अमित शाह ने धार्मिक रूप देकर देश में 1893 वाली नीति अपनाई है। बांटो और राज करो । जोकि अंग्रेजों ने रानी विक्टोरिया की चिट्ठी के बाद अपनाई थी। आज वही देश-विदेश में घूमकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी अपना रहे हैं ।
CAB बिल एक ऐसा बेल है जिसे भारत की जनता नहीं चाहती कि यह लागू हो। लेकिन लोकसभा और राज्यसभा में अधिक वोट मिलने की वजह से इसे लागू करने की पूरी कोशिश की गई हैं ।
CAB और NAR लागू करने से भारत के मुस्लिम को ही नहीं बल्कि भारत के अन्य धर्मों के साथ साथ भारत को भी नुकसान होगा, बस इसी के चलते सर्वाधिक भारत के शिक्षित युवा बाहर निकल कर आए हैं। उन शिक्षित युवाओं को रोकने के लिए प्रशासन भिन्न-भिन्न तरीकों के आंकड़े अपना रही है ।आज जामिया के विद्यार्थी पिट रहे हैं ।
क्योंकि भारत टुकड़ों की कगार पर है। और वह विद्यार्थी नहीं चाहते कि भारत किसी भी प्रकार से कमजोर हो । साथ ही सैफी ने कहा कि "जामिया" में CAB के विरोध-प्रदर्शन की अगुआई लड़के/लड़कियाँ कर रही थीं । यही नज़ारा "एएमयू" के हालिया विरोध-प्रदर्शनों में दिखता रहा है ।
आज "जामिया" के जो भी छात्र छात्राएँ घायल हुईं उनका अपराध यह है कि वे संविधान में मिले समानता के अधिकार की रक्षा करने के लिए सड़कों पर निकली हैं । कायर सत्ता इन लड़कियों की आवाज़ को लाठियों से नहीं दबा सकती । इनकी बुलंद आवाज़ भारत के हर कोने में गूँजेगी । साथ ही सैफी ने विपक्ष को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि छात्रों पर राजनीति ना करें विपक्ष। आज विपक्ष CAB और जामिया पर सिर्फ और सिर्फ अपनी राजनीति चमका रहा है। अगर आपको प्रोटेस्ट या अनशन करना है, तो "जामिया" के विद्यार्थियों के साथ बैठे उनके साथ खड़े हो उनकी ताकत बने आप अपनी राजनीति ना चमकाएं ।
इसीलिए मोदी सरकार भारतवासियों के ऊपर जबरन यह बिल थोपना चाहती है । जिससे भारत की गिरती अर्थव्यवस्था पर कोई सवाल ना उठाएं । CAB बिल को अमित शाह ने धार्मिक रूप देकर देश में 1893 वाली नीति अपनाई है। बांटो और राज करो । जोकि अंग्रेजों ने रानी विक्टोरिया की चिट्ठी के बाद अपनाई थी। आज वही देश-विदेश में घूमकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी अपना रहे हैं ।
CAB बिल एक ऐसा बेल है जिसे भारत की जनता नहीं चाहती कि यह लागू हो। लेकिन लोकसभा और राज्यसभा में अधिक वोट मिलने की वजह से इसे लागू करने की पूरी कोशिश की गई हैं ।
CAB और NAR लागू करने से भारत के मुस्लिम को ही नहीं बल्कि भारत के अन्य धर्मों के साथ साथ भारत को भी नुकसान होगा, बस इसी के चलते सर्वाधिक भारत के शिक्षित युवा बाहर निकल कर आए हैं। उन शिक्षित युवाओं को रोकने के लिए प्रशासन भिन्न-भिन्न तरीकों के आंकड़े अपना रही है ।आज जामिया के विद्यार्थी पिट रहे हैं ।
क्योंकि भारत टुकड़ों की कगार पर है। और वह विद्यार्थी नहीं चाहते कि भारत किसी भी प्रकार से कमजोर हो । साथ ही सैफी ने कहा कि "जामिया" में CAB के विरोध-प्रदर्शन की अगुआई लड़के/लड़कियाँ कर रही थीं । यही नज़ारा "एएमयू" के हालिया विरोध-प्रदर्शनों में दिखता रहा है ।
फाइल फोटो - आसिफ सैफी : जनमत एक्सप्रेस । 9997667313 |
आज "जामिया" के जो भी छात्र छात्राएँ घायल हुईं उनका अपराध यह है कि वे संविधान में मिले समानता के अधिकार की रक्षा करने के लिए सड़कों पर निकली हैं । कायर सत्ता इन लड़कियों की आवाज़ को लाठियों से नहीं दबा सकती । इनकी बुलंद आवाज़ भारत के हर कोने में गूँजेगी । साथ ही सैफी ने विपक्ष को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि छात्रों पर राजनीति ना करें विपक्ष। आज विपक्ष CAB और जामिया पर सिर्फ और सिर्फ अपनी राजनीति चमका रहा है। अगर आपको प्रोटेस्ट या अनशन करना है, तो "जामिया" के विद्यार्थियों के साथ बैठे उनके साथ खड़े हो उनकी ताकत बने आप अपनी राजनीति ना चमकाएं ।
टिप्पणियाँ