बदायूँ जनमत । नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद पूरे देश मे हंगामा मचा हुआ है । आज गुरुवार को पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया । पूर्व सांसद खुद अपने हाथ में नो कैब नो एनआरसी लिखी तख्ती लेकर शहर की सड़कों पर निकल पड़े । वहीं पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो कार्यकर्ता भिड़ गए ।
नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता जिला कार्यालय से कचहरी रोड पर पहुंचे । इस दौरान भारी पुलिस की तैनाती कर दी गई, एसपी सिटी जितेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि जनपद में धारा 144 लागू है इसीलिए प्रदर्शन की अनुमति नहीं है ।
पुलिस प्रशासन ने बैरीकेडिंग लगाकर सपा कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश भी की जिसके चलते कार्यकर्ता पुलिस से भिड़ गए । जिसके बाद सपाई नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट गेट पर पहुँचे जहां सपाईयों ने अपना ज्ञापन देकर धरना प्रदर्शन खत्म किया । इसको लेकर प्रशासन ने अपनी पूरी तैयारी कर ली थी । जिसके चलते कचहरी जाने वाले सभी रास्तों को बेरिकेडिंग कर बंद कर दिया गया । इसके साथ ही सभी चौराहों पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे । प्रदर्शन को देखते हुए महिला पुलिसकर्मी भी काफी संख्या में तैनात थीं । वहीं डीआईजी राजेश कुमार पाण्डेय, डीएम कुमार प्रशांत व एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी हालात का जायजा लेते रहे । प्रदर्शन के दौरान एसपी देहात डा. एसपी सिंह, एसपी सिटी जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, एडीएम प्रशासन रामनिवास शर्मा, सीओ सिटी विनय द्विवेदी, नगर मजिस्ट्रेट अमित कुमार, सदर कोतवाल ओमकार सिंह मय फोर्स के साथ मौजूद रहे ।
हाथ में तख्ती लेकर निकले सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ।
उधर धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि सीएए बिल देश को तोड़ने वाला है । भाजपा सरकार देश में तानाशाही चला रही है। सविंधान के विपरीत कार्य किया जा रहा है । उन्होंने महिलाओं को न्याय, कानून व्यवस्था, गन्ना किसान, नौजवान, बेरोजगारों और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि आज भाजपा सरकार जनता की आवाज को दबाना चाहती है । लेकिन हम लोग चुप नहीं बैठेंगे और इस तानाशाही सरकार के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक लड़ेंगे । वहीं पूर्व सांसद ने लेखपाल संघ के धरना स्थल पर जाकर लेखपालों को अपना समर्थन दिया । इस दौरान पूर्व विधायक मुस्लिम खाँ, आशुतोष मोर्य, मौलाना यासीन उस्मानी, स्वाले चौधरी, प्रेमपाल सिंह यादव, मोहम्मद मियाँ, आमिर सुल्तानी, फैज़ान आज़ाद, मोतशाम सिद्दीकी, शशांक यादव, राजू यादव, नरोत्तम यादव, सलीम खाँ, फैज़ान राइन, शादाब मिर्जा, सर्वेश यादव आदि मौजूद रहे ।
बिल के विरोध में धरने पर बैठे हुए सपा नेता : जनमत एक्सप्रेस । 9997667313
बदायूॅं जनमत। खेत पर जाते समय पिता पर गोलियां बरसाकर हत्या करने वाले आरोपी बेटे सचिन को पकड़ लिया गया है। उसकी निशानदेही पर दो तमंचे भी बरामद कर लिए हैं। पूछताछ में सचिन ने अपने पिता से जमीन और रुपयों का विवाद बताया। उसका कहना है कि वह ट्यूबवेल पर दो तमंचे लेकर पहुंचा था। उसने एक-एक करके अपने पिता को गोली मारी थी और उनकी बाइक लेकर भाग गया था। पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है। थाना उघैती के गांव शरह बरौलिया में 19 नवंबर रविवार को किसान सुभाष शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। चचेरे भाई प्रत्यक्षदर्शी मुनेश शर्मा का कहना था कि सुभाष घर से खाना खाकर अपने ट्यूबवेल पर चले गए थे। तभी उनके भतीजे सचिन ने रास्ते में अपने पिता सुभाष को घेरकर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इस दौरान गांव के चार और लोग भी मौजूद थे। वो भी सुभाष की हत्या में शामिल थे। पांच लोगों के खिलाफ दर्ज कराई थी रिपोर्ट... मुनेश ने पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। सचिन घटना के बाद से फरार था। सह आरोपी भी गांव में नहीं थे। पुलिस दबिश देने का दावा कर रही थी, जबकि सचिन लगातार अपने पिता के नजदीकियों को कॉल करके धमकी दे
बरेली जनमत। पीलीभीत में पुलिस ही सवालों के घेरे में है। ऐसी ही एक घटना में शामिल सिपाही को पीलीभीत पुलिस कप्तान ने जांच के बाद शनिवार को संस्पेंड कर दिया। इस सिपाही ने एक सप्ताह पूर्व पांच लोगों के विरुद्ध सब्जी में थूक लगाने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। आला अधिकारियों की जांच में मामला झूठा पाया गया और सिपाही के विरुद्ध कार्रवाई हुई। एफआईआर भी रद्द कर दी गई। पीलीभीत शहर कोतवाली इलाके के 'तेज तर्रार' माने जाने कांस्टेबल अंकित कुमार ने 15 मई को अपने ही तैनाती थाने में एक एफआईआर दर्ज करवाई थी। सिपाही अंकित ने थाने के राजिस्टर में अंकित करवाया कि वो दोपहर में लॉकडाऊन के दौरान गश्त पर था। इस दौरान जब वो शहर कोतवाली के शरीफ़ खान चौराहे पर पहुंचा तो उसने देखा कि पांच लोग सब्जी में थूक लगा रहे हैं। इसके बाद उसने अपनी ड्यूटी का पालन करते हुए इन्हें रोका और कहा कि वो मास्क क्यों नही लगाए हुए हैं ! इसके बाद वो भाग गए। थाने में इनकी विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ली जाए। अंकितकी बात पर भरोसा करते हुए थाना प्रभार श्रीकांत द्विवेदी ने एफआईआर भी दर्ज कर ली। जिन पांच लोगों के विरुद्ध यह एफआईआर दर्ज हु
बदायूँ जनमत। आज रविवार को दातागंज विधानसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कैप्टन अर्जुन प्रताप सिंह का उसहैत दौरा था। कैप्टन के उसहैत में आते ही सपा पदाधिकारियों से लेकर कार्यकर्ता और आम जनता अपनी तमाम मूलभूत समस्याओं को भूलकर उनकी आवभगत में जुट गई। जगह जगह लोगों ने कार्यक्रम भी कराये। आवभगत की आदत पड़ चुकी जनता ने सपा प्रत्याशी से उसहैत के विकास को लेकर कोई चर्चा नहीं की, अधिकतर लोगों की मंशा बस इतनी थी कि कैप्टन साहब हमारा चेहरा लें। हालांकि अब तक जितने विधायक या सांसद चुने गये सबके चुनाव में उसहैत वासियों का यही हाल रहा है। शायद यही कारण है कि आज जहां प्रधानमंत्री डिजीटल इंडिया की बात करते हैं वहीं उसहैत क्षेत्र के छात्र छात्राएँ सरकारी उच्च शिक्षा से वंचित हैं। आज भी उसहैत नगर में मात्र एक कक्षा आठ का विद्यालय है, जो कि एडिट है। वहीं यातायात के साधन के नाम पर प्रतिदिन शाम को दो रोडवेज़ बसें हैं। यहां अमीर लोग तो अपने बच्चों को बदायूं या अन्य शहरों में भेजकर उन्हें उच्च शिक्षा दिलाने में सफल रहते हैं। मगर, आम आदमी के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। फिर वो या तो खेती करते हैं या
टिप्पणियाँ