बदायूँ जनमत । CAA और NRC को लेकर जहाँ देश भर में विरोध की आग सुलग रही है वहीं आज जुमा की नमाज़ के बाद कस्बा उसहैत में भी हज़ारों की तादाद में इकट्ठा होकर मुसलमानों ने इसका विरोध किया । वहीं राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम दातागंज को सौंपा गया ।
नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी के विरोध में कस्बा उसहैत में आज शुक्रवार को सुबह से ही बाजार बंद रह । वहीं जुमा की नमाज़ के दौरान जामा मस्जिद, बीच वाली (नूरानी मस्जिद), गौसिया मस्जिद व अन्य मस्जिदों में देश में अमनों शांति व सौहार्द और मुसलमानों की जानो माल की सलामती के लिए दुआ की गई । नमाज के बाद हज़ारों की संख्या में लोग जामा मस्जिद प्रांगण में एकत्रित हुए । जहाँ जामा मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती असगर अली, मौलाना अकबर अली आदि ने संबोधन किया । उन्होंने कहा कि देश की सरकार सीएए और एनआरसी जैसे संविधान विरोधी कानून थोपकर देश की एकता और अखंडता को बरबाद करना चाहती है । ऐसे कानून धर्म विरोधी तो हैं ही साथ ही जनता के मूलभूत मुद्दों को भी खोखला करेंगे । उन्होंने कहा कि जिस कानून से देश का संविधान खतरे में हो उसे सरकार जबरन न थोपे । सरकार को चाहिए कि इस बिल को बापस ले ।
उसहैत जामा मस्जिद प्रांगण में उपस्थित हजारों लोग : जनमत एक्सप्रेस।
इसके बाद एसडीएम दातागंज विजय बहादुर सिंह को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया । सुरक्षा की दृष्टि से सीओ उझानी के साथ भारी पुलिस बल तैनात रहा । इस मौके पर हाफिज़ मुजफ्फर कादरी, हाफिज़ मंसूर कादरी, रियासत अली कादरी, पूर्व चेयरमैन सैय्यद हसन अली, नबाव हसन, हाजी समीउल्ला, हशमत अली खलीफा, पूर्व प्रधान साबिर हुसैन, परवेज़ अली, युनिस नियाजी, मोअज्जम अली, सैय्यद असगर अली, इमरान अहमद, शाहनवाज़ हुसैन, फरमान मंसूरी, हन्नान खाँ, सलमान अली, तैय्यब अंसारी, गुलमोहम्मद खाँन, इरशाद हुसैन आदि मौजूद रहे ।
एसडीएम दातागंज विजय बहादुर सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए लोग : जनमत एक्सप्रेस । 9997667313
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बदायूॅं जनमत। खेत पर जाते समय पिता पर गोलियां बरसाकर हत्या करने वाले आरोपी बेटे सचिन को पकड़ लिया गया है। उसकी निशानदेही पर दो तमंचे भी बरामद कर लिए हैं। पूछताछ में सचिन ने अपने पिता से जमीन और रुपयों का विवाद बताया। उसका कहना है कि वह ट्यूबवेल पर दो तमंचे लेकर पहुंचा था। उसने एक-एक करके अपने पिता को गोली मारी थी और उनकी बाइक लेकर भाग गया था। पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है। थाना उघैती के गांव शरह बरौलिया में 19 नवंबर रविवार को किसान सुभाष शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। चचेरे भाई प्रत्यक्षदर्शी मुनेश शर्मा का कहना था कि सुभाष घर से खाना खाकर अपने ट्यूबवेल पर चले गए थे। तभी उनके भतीजे सचिन ने रास्ते में अपने पिता सुभाष को घेरकर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इस दौरान गांव के चार और लोग भी मौजूद थे। वो भी सुभाष की हत्या में शामिल थे। पांच लोगों के खिलाफ दर्ज कराई थी रिपोर्ट... मुनेश ने पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। सचिन घटना के बाद से फरार था। सह आरोपी भी गांव में नहीं थे। पुलिस दबिश देने का दावा कर रही थी, जबकि सचिन लगातार अपने पिता के नजदीकियों को कॉल करके धमकी दे
बरेली जनमत। पीलीभीत में पुलिस ही सवालों के घेरे में है। ऐसी ही एक घटना में शामिल सिपाही को पीलीभीत पुलिस कप्तान ने जांच के बाद शनिवार को संस्पेंड कर दिया। इस सिपाही ने एक सप्ताह पूर्व पांच लोगों के विरुद्ध सब्जी में थूक लगाने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। आला अधिकारियों की जांच में मामला झूठा पाया गया और सिपाही के विरुद्ध कार्रवाई हुई। एफआईआर भी रद्द कर दी गई। पीलीभीत शहर कोतवाली इलाके के 'तेज तर्रार' माने जाने कांस्टेबल अंकित कुमार ने 15 मई को अपने ही तैनाती थाने में एक एफआईआर दर्ज करवाई थी। सिपाही अंकित ने थाने के राजिस्टर में अंकित करवाया कि वो दोपहर में लॉकडाऊन के दौरान गश्त पर था। इस दौरान जब वो शहर कोतवाली के शरीफ़ खान चौराहे पर पहुंचा तो उसने देखा कि पांच लोग सब्जी में थूक लगा रहे हैं। इसके बाद उसने अपनी ड्यूटी का पालन करते हुए इन्हें रोका और कहा कि वो मास्क क्यों नही लगाए हुए हैं ! इसके बाद वो भाग गए। थाने में इनकी विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ली जाए। अंकितकी बात पर भरोसा करते हुए थाना प्रभार श्रीकांत द्विवेदी ने एफआईआर भी दर्ज कर ली। जिन पांच लोगों के विरुद्ध यह एफआईआर दर्ज हु
बदायूँ जनमत। आज रविवार को दातागंज विधानसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कैप्टन अर्जुन प्रताप सिंह का उसहैत दौरा था। कैप्टन के उसहैत में आते ही सपा पदाधिकारियों से लेकर कार्यकर्ता और आम जनता अपनी तमाम मूलभूत समस्याओं को भूलकर उनकी आवभगत में जुट गई। जगह जगह लोगों ने कार्यक्रम भी कराये। आवभगत की आदत पड़ चुकी जनता ने सपा प्रत्याशी से उसहैत के विकास को लेकर कोई चर्चा नहीं की, अधिकतर लोगों की मंशा बस इतनी थी कि कैप्टन साहब हमारा चेहरा लें। हालांकि अब तक जितने विधायक या सांसद चुने गये सबके चुनाव में उसहैत वासियों का यही हाल रहा है। शायद यही कारण है कि आज जहां प्रधानमंत्री डिजीटल इंडिया की बात करते हैं वहीं उसहैत क्षेत्र के छात्र छात्राएँ सरकारी उच्च शिक्षा से वंचित हैं। आज भी उसहैत नगर में मात्र एक कक्षा आठ का विद्यालय है, जो कि एडिट है। वहीं यातायात के साधन के नाम पर प्रतिदिन शाम को दो रोडवेज़ बसें हैं। यहां अमीर लोग तो अपने बच्चों को बदायूं या अन्य शहरों में भेजकर उन्हें उच्च शिक्षा दिलाने में सफल रहते हैं। मगर, आम आदमी के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। फिर वो या तो खेती करते हैं या
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