ऐतिहासिक बंदी : ककराला और सहसवान सफल बंद रहा, बदायूँ शहर व अन्य कस्बों में भी बंद का असर

बदायूँ जनमत । नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी, एनपीआर और बेरोजगारी, मंहगाई, श्रमिकों - किसानों पर मोदी सरकार के हमले के खिलाफ श्रमिक महासंघों की अखिल भारतीय हड़ताल के समर्थन में आज 8 जनवरी को संविधान रक्षक सभा के बदायूं बंद के एलान को जनपद में व्यापक समर्थन मिला । बंद ऐतिहासिक रहा, वहीं बदायूँ बंद का मिला जुला असर रहा । ककराला कस्बा पूरी तरह बंद रहा और सहसवान में सफल बंद रहा । बदायूँ शहर व अन्य कस्बों में भी बंद का असर देखा गया ।
बता दें कि संविधान रक्षक सभा के अध्यक्ष हाजी मुमताज मियां सकलैनी व उपाध्यक्ष अजीत सिंह यादव ने बदायूँ बंद की अपील की थी ।
इस दौरान संविधान रक्षक सभा के अध्यक्ष हाजी मुमताज मियां सकलैनी ने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण संवैधानिक तरीके से संघर्ष जारी रहेगा । उन्होंने कहा बेरोजगारी, मंहगाई, किसान संकट और अर्थव्यवस्था के संकट को हल करने में नाकाम मोदी व योगी सरकार जनता के विरोध प्रदर्शन पर बर्बर पुलिस दमन कर देश पर फासीवादी तानाशाही लादने की ओर बढ़ रही है । बड़े कारपोरेट घरानों को देश लूटने की खुली छूट दे रही है । इसके विरुद्ध भारतीय गणतंत्र, संविधान और लोकतंत्र बचाने को सभी नागरिकों को व्यापक मोर्चा बनाकर एकजुट होने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून व नागरिकता रजिस्टर के जरिये संविधान और जनता पर हमला बोल दिया है। कोई भी देशभक्त नागरिक धर्म के आधार पर नागरिकता स्वीकार नहीं करेगा। धर्म के आधार पर नागरिकता का प्रावधान हमारे संविधान की मूल भावना और संविधान निर्माताओं के विचारों के विरुद्ध तो है ही यह देश और समाज को तोड़ने की बड़ी साजिश है।
संविधान रक्षक सभा के उपाध्यक्ष अजीत सिंह यादव ने कहा कि मोदी सरकार बड़े पूंजी घरानों के एजेंट के तौर पर काम कर रही है । देश की धन संपदा और संसाधनों पर बड़े पूँजीघरानों का कब्जा कराया जा रहा है । रेलवे से लेकर जनता की पूंजी से बने पब्लिक सेक्टर का निजीकरण व आउटसोर्सिंग कर पूंजी घरानों को लूटने की छूट दी जा रही है और बड़े पैमाने पर नौकरियां खत्म की जा रही हैं । मॅहगाई और बेरोजगारी चरम सीमा पर पहुंच गई है । सरकार जनता के विक्षोभ को दबाने के लिए एक ओर तानाशाही की ओर बढ़ रही है तो दूसरी ओर समाज को तोड़ने के लिए साम्प्रदायिक विभाजनकारी एजेंडा को लागू कर रही है । हमें सरकार के विभाजनकारी और जनविरोधी प्रोजेक्ट को विफल करने के लिए संविधान व  लोकतंत्र की रक्षा के लिए बेरोजगारी, मॅहगाई और किसान संकट के समाधान सहित जनमुद्दों पर एकजुट होकर संघर्ष करना होगा । उन्होंने बताया कि संविधान रक्षक सभा के अगले कार्यक्रमों की घोषणा जल्द की जाएगी ।
बंद के दौरान बदायूं जनपद में बंद रहीं दुकानें : जनमत एक्सप्रेस । 


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