आमदे रमज़ान: मुसलमानों तुम्हारी कुर्बानियों को इतिहास में याद रखा जाएगा - मौलाना अफ़लाक

बदायूँ जनमत । कस्बा सैदपुर की मस्जिद नजफ़ अशरफ़ (दादा मियां वाली) के पेश ए इमाम मौलाना अफ़लाक रज़ा उदयपुरी ने कहा रमजान के मुबारक महीने का आगाज़ होने वाला है । इस माहे मुबारक में हर वक़्त अल्लाह की रहमतों का नुज़ूल होता है। हर तरफ बरकतें ही बरकतें नज़र आती हैं। रमजानुल मुबारक का पहला अशरा रहमत है और दूसरा अशरा मग़फ़िरत और तीसरा जहन्नम से आज़ादी है । covid.19 के चलते धार्मिक स्थलों पर आम आवागमन बंद कर दिया गया है। मेरी तमाम मुसलमानों से अपील है कि रमज़ान मुबारक के पाक मौके पर अल्लाह की इबादत फ्राइज़ व वाजिबात व तरावीह अपने अपने घरों पर ही अदा करें । (नमाज़े जुमा और तरावीह चंद लोग ही मस्जिद में अदा करें), इफ्तार की पार्टियों से परहेज़ करें। इस महीने में एक नेकी का सवाब सत्तर दर्जे बढ़ा दिया जाता है। इस लॉकडाउन के वक़्त में गरीबों का ख्याल रखें। कोई भूखा नहीं सो सके ये इंसानियत का सब से बड़ा फर्ज़ है। तारीख़ तुम्हारी इन क़ुर्बानियों को हमेशा याद रख़ेगी, कि एक दिन इस क़ौम पर ऐसा भी वक़्त आया इस क़ौम ए मुस्लिम ने अपने देश की मुहब्बत में बा जमाअत नमाज़ों को तर्क कर दिया । रमजान के मुबारक महीने में अपने लिए, अपने देश के लिए, अपने डॉक्टरों के लिए, आप के लिए दिन रात एक करने वाले पुलिस प्रशासन के लिए नमाज़ अदा करने के बाद रोज़े की हालत में अल्लाह से दुआ कीजिये ।

(रिपोर्ट : ज़ीशान सिद्दीकी)
फाइल फोटो - मौलाना अफ़लाक रज़ा उदयपुरी : जनमत एक्सप्रेस न्यूज । 9997667313

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