बदायूं : लॉकडाउन में राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार करते दो गिरफ्तार, मोर का शव बरामद
बदायूँ जनमत । कादरचौक इलाके में शनिवार शाम दो शिकारियों ने एक राष्ट्रीय पक्षी मोर को मार डाला। उसी समय वन विभाग की टीम क्षेत्र में निरीक्षण कर रही थी। इससे दोनों शिकारी मौके पर पकड़े गए। उनके पास से मोर का शव बरामद हो गया। पुलिस ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। रविवार दोपहर दोनों को जेल भेज दिया गया। वहीं मोर के शव को पोस्टमार्टम के लिए बरेली आईवीआरआई भेजा गया है। वहीं जिले के थाना उसहैत, उसावां और हजरपुर क्षेत्र में भी आये दिन राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार होने की चर्चा व्याप्त है।
वन विभाग के इंस्पेक्टर मोहन सिंह वन रक्षक मथुरा सिंह के साथ शनिवार शाम बाइक से क्षेत्र का भ्रमण कर रहे थे। दोनों अधिकारी बाइक लेकर निधानपुरा होते गुजर रहे थे। उसी समय सूचना मिली कि जलालपुर के जंगल में दो शिकारी राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार कर रहे हैं। यह सुनते ही उन्होंने अपनी बाइक जलालपुर की ओर दौड़ा दी। जलालपुर के जंगल में दोनों शिकारी एक यूकेलिप्टिस के बाग में मोर की हत्या कर रहे थे। उन्होंने तुरंत घेराबंदी कर दोनों शिकारियों को दबोच लिया। उनके पास एक प्लास्टिक का कट्टा था, जिसमें मोर का शव बरामद हुआ। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम आरिफ पुत्र लियाकत और फैजल हुसैन पुत्र हसमुद्दीन निवासी ग्राम जलालपुर बताये। वन विभाग की टीम दोनों को कादरचौक थाने ले गई और उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। बाद में वन विभाग के इंस्पेक्टर मोहन सिंह की तहरीर आरिफ और फैजल के खिलाफ धारा 188, 269, 270, वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम 1972 (9), वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम 1972 (51) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। पुलिस ने उसी समय मोर के शव को पोस्टमार्टम के लिए आईवीआरआई बरेली भेज दिया। रविवार दोपहर पुलिस ने आरिफ और फैजल को जेल भेज दिया। दो माह पहले भी हुई थी एक मोर की हत्या : कादरचौक इलाके में वन्य जीव सुरक्षित नहीं है। इस इलाके में चौड़ेरा के जंगल में फरवरी माह में भी एक मोर की हत्या हुई थी। जबकि एक मोर घायल अवस्था में मिला था। उस समय कोई पकड़ा नहीं गया था। इससे मोर का शिकार करने वालों का पता नहीं चला था। आशंका जरूर जताई गई थी कि किसी घुमंतू परिवार के लोगों ने मोर की हत्या की है। इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
"दोनों आरोपी रंगे हाथ मोर का शिकार करते पकड़े गए हैं। उनके पास से मोर का शव भी बरामद हुआ है। इससे दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है। मोर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।" -मोहन सिंह, इंस्पेक्टर वन विभाग
वन विभाग के इंस्पेक्टर मोहन सिंह वन रक्षक मथुरा सिंह के साथ शनिवार शाम बाइक से क्षेत्र का भ्रमण कर रहे थे। दोनों अधिकारी बाइक लेकर निधानपुरा होते गुजर रहे थे। उसी समय सूचना मिली कि जलालपुर के जंगल में दो शिकारी राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार कर रहे हैं। यह सुनते ही उन्होंने अपनी बाइक जलालपुर की ओर दौड़ा दी। जलालपुर के जंगल में दोनों शिकारी एक यूकेलिप्टिस के बाग में मोर की हत्या कर रहे थे। उन्होंने तुरंत घेराबंदी कर दोनों शिकारियों को दबोच लिया। उनके पास एक प्लास्टिक का कट्टा था, जिसमें मोर का शव बरामद हुआ। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम आरिफ पुत्र लियाकत और फैजल हुसैन पुत्र हसमुद्दीन निवासी ग्राम जलालपुर बताये। वन विभाग की टीम दोनों को कादरचौक थाने ले गई और उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। बाद में वन विभाग के इंस्पेक्टर मोहन सिंह की तहरीर आरिफ और फैजल के खिलाफ धारा 188, 269, 270, वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम 1972 (9), वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम 1972 (51) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। पुलिस ने उसी समय मोर के शव को पोस्टमार्टम के लिए आईवीआरआई बरेली भेज दिया। रविवार दोपहर पुलिस ने आरिफ और फैजल को जेल भेज दिया। दो माह पहले भी हुई थी एक मोर की हत्या : कादरचौक इलाके में वन्य जीव सुरक्षित नहीं है। इस इलाके में चौड़ेरा के जंगल में फरवरी माह में भी एक मोर की हत्या हुई थी। जबकि एक मोर घायल अवस्था में मिला था। उस समय कोई पकड़ा नहीं गया था। इससे मोर का शिकार करने वालों का पता नहीं चला था। आशंका जरूर जताई गई थी कि किसी घुमंतू परिवार के लोगों ने मोर की हत्या की है। इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
"दोनों आरोपी रंगे हाथ मोर का शिकार करते पकड़े गए हैं। उनके पास से मोर का शव भी बरामद हुआ है। इससे दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है। मोर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।" -मोहन सिंह, इंस्पेक्टर वन विभाग
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