समर्थन : बिजली कर्मचारियों के विरोध पर रोक लोकतंत्र की हत्या - अजीत यादव

बदायूँ जनमत। लोक मोर्चा ने मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 का विरोध किया है। मोर्चा के संयोजक अजीत सिंह यादव ने 1 जून को बिजली कर्मचारियों द्वारा घोषित काला दिवस और उनके आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि यह बिल जनविरोधी है। उन्होंने योगी सरकार द्वारा बिजली कर्मचारियों के 1 जून के सांकेतिक विरोध और काला दिवस पर रोक को लोकतंत्र की हत्या करार दिया।
लोक मोर्चा के प्रवक्ता अनिल कुमार ने कहा कि इसके जरिये मोदी सरकार बिजली का निजीकरण कर बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है। इससे किसानों और गरीब उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में मिल रही सब्सिडी समाप्त हो जाएगी , बिजली के बिलों में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि होगी और किसानों, मजदूरों, गरीब उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों को बिजली का बिल चुकाना मुश्किल हो जाएगा। सरकार कोरोना की आड़ में लगातार जनविरोधी फैसले ले  रही है। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का निजीकरण कर बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मचारियों ने  विरोध स्वरूप कल काला दिन मनाने का फैसला किया है, लेकिन सरकार उनकी आवाज को दबा रही है जो कि असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है। संविधान में नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी का प्रावधान है। क्योंकि कर्मचारी पहले नागरिक हैं इसलिए उनको अपनी बात कहने का और विरोध करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर लोक मोर्चा बिजली कर्मचारियों के साथ हैं और इस जनविरोधी बिल का पुरजोर विरोध करता है।


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