बशीर के दोषियों को बचाने को परिजनों को डरा रही है पुलिस, कप्तान को दी तहरीर - Janmat Express

बदायूँ जनमत। पत्रकार बशीर अहमद के आत्महत्या मामले में थाना कोतवाली पुलिस आत्माहत्या को उकसाने और शडयंत्र रचने के आरोपियों को बचाने का भरकस प्रयास कर रही है। परिजनों ने आज एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि कोतवाली पुलिस ने उनकी दी हुई तहरीर को बदल दिया था। जिसकी जांच होनी चाहिए और सभी दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। वहीं आरोप है कि आज मंगलवार को कोतवाली पुलिस ने जांच के नाम पर बशीर के घर में तांडव किया है। बशीर के परिजनों से अभद्रता भी की गई है। 
ज्ञात हो कि विगत 22 जुलाई को शहर के मोहल्ला कबूलपुरा छोटी करबला निवासी पत्रकार बशीर अहमद पुत्र जहीर अहमद ने कुछ तथा कथित पत्रकारों और हिंदू जागरण मंच व हिंदू युवा वाहिनी के नेताओं के उकसाने और शोषण करने से तंग आकर आत्माहत्या कर ली थी। बशीर ने आत्माहत्या करने से तीन दिन पहले अपनी माँ को सारा मामला बताया था और दोषियों के षडयंत्र के बारे में विस्तार से बताया था। बशीर की मौत के बाद उसकी माँ नसीम बेगम ने बशीर के द्वारा बताये गये सात लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन तत्कालीन कोतवाल ओमकार सिंह ने दोषियों को बचाते हुए मात्र दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसमें भी एक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है और दूसरे आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।  
आज मंगलवार को मृतक बशीर की माँ नसीम बेगम ने एसएसपी को तहरीर देकर बाकी सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग है। तहरीर में कहा है कि कोतवाली पुलिस ने तहरीर को बदलकर अपनी मन मर्जी से एफआईआर दर्ज कर ली और मुख्य आरोपियों को बचा दिया। मुकदमा अ.सं. 212/20 धारा 306 में पुलिस ने एफआईआर में से हिंदू जागरण मंच युवा वाहिनी के नितिन कमठाना, धीरज सिंह पुत्र रक्षपाल निवासी ग्राम कुरऊ थाना सिविल लाइन, मुकेश कुमार पुत्र रामनाथ निवासी इंद्र चौक, अभिषेक सक्सेना पुत्र अविनाश सक्सेना निवासी मोहल्ला चौबे थाना सदर कोतवाली, व जंगपाल सिंह प्रांतीय अध्यक्ष हिंदू जागरण मंच निवासी पुराना डाकखाना थाना सिविल लाइन के नाम बढने चाहिए। इन्हीं लोगों ने प्रार्थनी के पुत्र बशीर को आत्महत्या के लिए मजबूर किया। घटना से पूर्व षडयंत्र के तहत धार्मिक, राजनीतिक सहारा लेकर बशीर को जेल भिजवाया गया था। जेल से निकलने के बाद से उक्त मुल्जिमान प्रार्थनी के पुत्र को डराने धमकाने लगे थे कि हम मुकदमा खत्म करा देंगे इसके लिए 10 लाख रुपये दे दे। उपरोक्त मुल्जिमान ने उसे काफी मानसिक प्रताडित किया जिस कारण उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पूर्व उसने प्रार्थनी व प्रार्थनी के पति जहीर अहमद को व गवाहान पडोसी रजी अहमद, वसीम अहमद अंसारी, अख्तर व अन्य और लोगों को उसने यह बात बताई थी कि उक्त मुल्जिमान उसका मानसिक शोषण कर रहे हैं और 10 लाख रुपयों की मांग कर रहे हैं जिस कारण उसने आत्महत्या कर ली। अब मुख्य आरोपी मुलेआम घूम रहे हैं और फैसला करने का दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि फैसला कर लो नहीं तो पूरे परिवार को जान से मार देंगे। प्रार्थनी अपना व गवाहान शपथ पत्र दे रहे हैं। जिनको विवेचना में शामिल किया जाये और एफआईआर में उक्त मुल्जिमान के नाम शामिल किये जायें।

उधर मृतक बशीर अहमद की माँ नसीम बेगम ने जनमत एक्सप्रेस को बताया कि आज सदर कोतवाली क्षेत्र कि सोथा चौकी पुलिस उनके घर आई थी। पुलिस ने कहा कि लखनऊ से जांच करने को टीम आई है और घर में घुस गई। पुलिस ने परिवार वालों से अभद्रता की और धमकाया भी। घर में जवान बेटियां और बहू है पुलिस ने घर में तांडव किया साथ में महिला पुलिस भी नहीं थी। इस तरह घर में घुसकर महिलाओं से अभद्रता करना कहां का कानून है।
इस संबंध में जब सोथा चौकी प्रभारी जितेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं थी। आज फॉरेंसिक जांच को टीम गई थी।

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