बरेली, बदायूं समेत देशभर में मनाया गया 102 वां उर्से रज़वी, कुल की रस्म के साथ हुआ समापन - Janmat Express

जनमत एक्सप्रेस। आला हजरत मौलाना इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी के 102 वें उर्स का आज 14 अक्टूबर बुधवार को समापन हुआ। उर्स के मौके पर अकीदतमंदों ने कुल की रस्म अदा कर कौम व मुल्क की सलामती की दुआ की। इससे पहले नात व मनकवत पेश कर कुल की शुरुआत तिलावते कलामे इलाही से की गई। कोविड -19 के चलते सोशल डिस्टेसिंग का पालन किया गया। उलेमाओं ने तकरीर की।
वहीं बरेली सहित देश और विदेशों में भी उर्स मनाया गया। इसके साथ ही बदायूं जिले में भी जगह जगह उर्स रज़वी मनाया गया। बदायूं के कस्बा सैदपुर में आला हजरत के जीवन पर रोशनी डालते हुए खिन्नी मस्जिद के पेशे इमाम अब्दुल जव्वार रजवी ने कहा आला हजरत चौदहवी सदी की वो बेमिसाल शख्सियत है, जिसकी मिसाल पूरी सदी में नही मिलती । उन्हें 1200 से अधिक किताबे लिखने का गौरव हासिल है । 1911 मे कुरान मजीद का अनुवाद (कंजुल ईमान) आपके द्वारा ही किया गया। अपने सारी जिन्दगी प्यारे नवी की मुहब्बत में गुजारी नात व मनकवत के बाद सलातो सलाम पेश कर 2.38 मिनट पर कुल की रस्म अदा की गई। यहाँ कौम व मुल्क में अमन सुकून मोहब्बत और भाईचारा कायम रखने के लिए दुआ की गई। इसके साथ ही कस्बा सैदपुर में कई जगह फल, लंगर, व शिरीनी तस्कीम की गई। क़स्बा सैदपुर के मदरसा ख्वाज़ा गरीब नवाज, सुनहरी मस्जिद, अमीर खां मस्जिद, खजूरी मस्जिद तथा नूरी रजा मेमोरियल इंटर कॉलेज, आदि में कुल की रस्म अदा कि गई। इधर अंजुमन रजा-ए- मुस्तफा के सदर जाहिद हुसैन कुरैशी के आवास पर भी कुल की रस्म अदा कर  आला हजरत के 102 वे उर्स की मुबारकबाद दी गई। इस मौके पर सालिम खा, मुखलिस उर रहमान, शाहिद हुसैन कुरैशी, सलीम आदि मौजूद रहे।


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