पैगंबर इस्लाम की शान में किसी भी तरह की गुस्ताखी नाकाबिले बर्दाश्त : मुफ्ती साजिद हसनी कादरी

बदायूँ जनमत। आल इंडिया उलमा व मशाइख़ बोर्ड के डिवीजनल अध्यक्ष मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने फ्रांस में पैग़म्बरे अमन व शांति हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लाल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में की गई गुस्ताखी पर सख्त गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि फ्रीडम ऑफ स्पीच,और फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के नाम पर यह को गुस्ताखी की जा रही है मुसलमान इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते इसके लिए फ्रांस के राष्ट्रपति को माफी मांगनी चाहिए, और जब तक ऐसा नहीं होता हमें खुलकर और पूरी ताकत से इनका बहिष्कार करना चहिए।
मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने कहा कि भारत सरकार से मांग करते हैं कि वह भारतीय मुसलमानों की भावनाओ का सम्मान करते हुए फ्रांस पर दबाव बनाये कि वह अपने देश में हो रही इस तरह की गुस्ताखी पर रोक लगाए, उन्होंने बताया कि बोर्ड ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग को भी इस आशय का पत्र लिखा है कि संयुक्त राष्ट्र ह्यूमन राइट्स चार्टर का सभी को सम्मान करना चाहिए और इसके अनुच्छेद 42 का पालन होना चहिए अतः इसका पालन करते हुए फ्रांस को विश्व समुदाय से माफी मांगनी चाहिए ,साथ ही यह भी मांग की गई है कि ईशनिंदा कानून को पास कर इसका सख्ती से पालन किया जाय ताकि किसी भी तरह की गंदी सोच को पनपने से रोका जा सके।

उन्होंने मुसलमानों सहित सभी अमन पसंद लोगों से अपील की कि शांति व्यवस्था को बनाए रखते हुए फ्रांस का कड़ा विरोध किया जाए और जबतक माफी नहीं आती इनके सामान का बहिष्कार करें।
हज़रत ने सभी को ईदमिलाुन्नबी साल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम की मुबारकबाद देते हुए कहा कि इस बार इस जश्न को ऐसे मनाया जाए कि हम सब मिलकर नबी की सुन्नत पर अमल करते हुए अच्छे अखलाक वाले बने और अपने नबी का चर्चा अपने अमल से करें।

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