किसान आंदोलन का समर्थन : कल लोकमोर्चा संयोजक अजीत सिंह यादव अम्बेडकर पार्क में उपवास पर बैठेंगे - Janmat

बदायूँ जनमत। मोदी सरकार के तीनों कृषि कानून देश हित में नहीं हैं। इन कृषि कानूनों के लागू होने से  देश की खाद्यान्न सुरक्षा संकट में पड़ जाएगी और देशी ही नहीं विदेशी बहुराष्ट्रीय अमेरिकी कंपनियों का कृषि और खाद्यान्न बाजार पर कब्जा हो जाएगा ।
उक्त वक्तव्य लोकमोर्चा संयोजक अजीत सिंह यादव ने आज नेकपुर कार्यालय पर लोकमोर्चा कार्यकर्ताओं की बैठक में दिया। उन्होंने बताया कि लोकमोर्चा ने तीन कृषि कानूनों के विरुद्ध जारी किसान आंदोलन के समर्थन में लोकमोर्चा सत्याग्रह शुरू करेगा। सत्याग्रह के पहले दिन 14 दिसंबर को वे खुद अंबेडकर पार्क में उपवास पर बैठेंगे।  
लोकमोर्चा द्वारा जिओ समेत अंबानी -अड़ानी के उत्पादों के बहिष्कार  अभियान जारी है। इसके तहत वकीलों, व्यापारियो, कर्मचारियों, किसानों, मजदूरों और नौजवानों समेत समाज के हर वर्ग और तबके से जनसंपर्क किया जा रहा है और उनसे अपील की जा रही है कि जिओ सिम न खरीदें। जिहोंने जिओ सिम खरीद लिया है वे उसे किसी अन्य कंपनी में पोर्ट करा लें। रिलयांस के पेट्रोल पंप से डीजल -पैट्रोल न खरीदें। अंबानी व अड़ानी के सभी उत्पादों का बहिष्कार कर किसान आंदोलन का साथ दें। 
लोकमोर्चा संयोजक ने कहा कि जिस तरह से अड़ानी ने अनाजों को जमा करने को बड़े बड़े गोदाम पहले ही बना लिए हैं और अंबानी ने खुदरा व्यापार को फ्यूचर ग्रुप खरीदा है उससे जाहिर होता है कि मोदी सरकार के कृषि कानूनों की जानकारी उन्हें पहले से ही थी। आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर किये जाने से आलू, प्याज, गेहूं, चावल, दालों समेत आम जनता के जीवन के लिए जरूरी खाद्य बस्तुओं को किसानों से कौड़ी के दामों पर खरीदकर अंबानी -अड़ानी और अमेरिकी कंपनियां मनमाने दामों पर बेचकर बेलगाम मुनाफा कमाएंगी। कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिये किसानों की जमीनों और खेती पर ये कारपोरेट कंपनियां कब्जा कर लेंगी। संशोधनों से काम नहीं चलेगा तीनों कृषि कानून हर हाल में रद्द होने चाहिए। किसान आंदोलन की मांगें जायज हैं।


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