दरगाह सागरताल पर मनाई हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया महबूब ए इलाही की सत्तरवीं, देश में अमनों शांति की मांगी दुआ
बदायूँ जनमत। आज बरोज जुमेरात (23 दिसंबर 2021), दरगाह सागरताल पर हुजूर हज़रत ख्वाजा सैयद मोहम्मद निज़ामुद्दीन औलिया महबूब ए इलाही का उर्स शरीफ (सत्तारवीं शरीफ) हर साल की तरह साल भी बड़े ही अदब-ओ-एहतराम के साथ मनाया गया। उर्स शरीफ दरगाह सागरताल के सज्जादानशीन सैय्यद मेहंदी हसन की ज़ेर-ए-सरपरस्ती में मनाया गया। सज्जादानशीन ने उर्स के मौके पर मुल्क में अमन ओ शांति के लिए दुआ की। साथ ही कोरोना से निजात की दुआ मांगी।
आपको बता दें कि दरगाह सागरताल एक प्राचीन दरगाह है, यहां पर हुज़ूर हज़रत ख्वाजा सैयद अहमद बुखारी मशदी रहमतुल्ला आले साहब (हुज़ूर हज़रत ख़्वाजा सैयद मोहम्मद निज़ामुद्दीन औलिया महबूब-ए-इलाही के वालिद-ए-मोहतरम हज़रत ख़्वाजा सैय्यद अली मोहम्मद हज़रत ख़्वाजा रहमतुल्लाह अलैहि साहब (हुज़ूर हज़रत ख़्वाजा सैयद मोहम्मद निज़ामुद्दीन औलिया महबूब-ए-इलाही के दादा-मोहतरम) का मज़ार शरीफ़ है। हुज़ूर हज़रत ख्वाजा सैयद अहमद बुखारी मशदी रहमतुल्ला अलैहि साहब हुज़ूर हज़रत ख्वाजा सैयद मोइनुद्दीन चिश्ती गरीब नवाज़ रहमतुल्लाह अलैहि साहब एक दूसरे के पीर भाई हैं। क्योंकि आप दोनों के पीर-ओ-मुर्शिद हुज़ूर हज़रत उस्मान है।
इस मौके पर सज्जादनशीन क़िबला सैयद मेहंदी हसन निज़ामी के साथ उनके दोनों फ़र्ज़ंद डॉ. सैयद मोहम्मद दयान हसन निज़ामी और एडवोकेट मोहम्मद दानियाल निज़ामी, सैयद इमाम हसन निज़ामी, सैयद इमाम हुसैन निज़ामी, सैयद मोहम्मद अली हुसैन निज़ामी के साथ जीएल वर्मा, एडवोकेट गौरव वर्मा और ज़ायरीन मौजूद रहे।
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