बदायूं मुशायरा : वतन बचाने का वक़्त है ये मकां बचाने की फ़िक्र छोड़ो - शबीना अदीब

बदायूँ जनमत। सद्भावना कमेटी उत्तर प्रदेश के द्वारा एक ऐतिहासिक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं ऑल इंडिया मुशायरा का भव्य आयोजन शहर के इस्लामिया इंटर कॉलेज के मैदान में समाजवादी पार्टी की ओर से किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि रहे धर्मेंद्र यादव व प्रेमपाल सिंह यादव जिला अध्यक्ष व देश के वरिष्ठ कवि संपत सरल, वसीम बरेलवी, मौलाना यासीन उस्मानी तथा पार्टी के नेताओं ने दीप प्रज्वलन कर किया।
देश के नामचीन शायरों व कवियों ने कलाम प्रस्तुत किए-
हिंदुस्तान के वरिष्ठ शायर वसीम बरेलवी साहब ने पढ़ा- 
अजीब लोग हैं इन पर तो रहम आता हैं, 
जो कांटें बो के, जमीं से गुलाब मांगते हैं।

शायरा शबीना अदीब ने पढ़ा- 
वतन बचाने का वक़्त है ये मकां बचाने की फ़िक्र छोड़ो
मेरे भी हाथों में दे दो परचम मेरे बुज़ुर्गों हिना से पहले
वरिष्ठ कवि संपत सरल ने  सुनाया-
जहां पनघट सी चहलपहल थी, वहां मरघट सा सन्नाटा पसर गया। देश कोरोना महामारी और दिशाहीन नेतृत्व की चपेट में है।

जोहर कानपुरी साहब ने पढ़ा
औरों में ऐब ढूंढना मेरा मिजाज था
ईमानदार शख्स भी झूठा लगा मुझे
जब निगाह अपने गिरेबान पर गई
उस रोज से हर आदमी अच्छा लगा मुझे

हाशिम फिरोजाबादी ने सुनाया
जो ना अब तक हुआ कर दिखाएंगे हम
गैर को भी गले से लगाएंगे हम
अपने हिंदुस्तान को खुदा की कसम
फिर से सोने की चिड़िया बनायेंगे हम

डॉ अजय अटल ने पढ़ा
संघर्षों से मोम हुए  हैं पत्थर के आसन
सदा झुके हैं जनता के पैरों में सिंहासन

आवाज सुल्तानपुरी साहब ने कलाम पड़ा
हुई अजाने मगरिब की आवाजें घर में आती थी
पंडित जी के घर की औरत तब ही दीप जलाती थी

असद बस्तवी ने पढ़ा
बहुत होशियार रहना है सभी हिंदू मुसलमा को
लड़ा कर वरना आपस में सियासत मार डालेगी

विकास बौखल ने पढ़ा
किसी खंजर से ना तलवार से जोड़ा जाए
सारी दुनिया को चलो प्यार से जोड़ा जाए
यह किसी शख्स को दोबारा ना मिलने पाए
प्यार के रोग को आधार से जोड़ा जाए

निजामत कर रहे नदीम फर्रुख साहब ने पढ़ा
सुबह मगरूर को वह शाम भी कर देता है
शोहरतें छीनकर गुमनाम भी कर देता है
वक्त से आंख मिलाने की हिमाकत ना करो
वक्त इंसान को नीलाम भी कर देता है

यासिर सिद्दीकी साहब ने सुनाया
भरम है क्या तुम्हें अब भी की जनता माफ कर देगी
बहुत के घर उजाड़ हैं यह सूपड़ा साफ कर देगी

आजाद प्रतापगढ़ी साहब ने सुनाया
कब तक ऐसा खेल चलेगा तुम बोलो
आस्तीन में सांप पलेगा तुम बोलो
कितनी और सियासत होगी लाशों पर
कब तक हिंदुस्तान जलेगा तुम बोलो

शहजादा कलीम ने सुनाया
जितना तेरा उतना मेरा सबको यह बतलाया जाए
आने वाली नस्लों को अब और नहीं भटकाया जाए
देश में हिंदू मुस्लिम का जो जहर परोसा करते हैं
ऐसे नेताओं को पहले फांसी पर लटकाया जाए

कवियत्री ज्योति त्रिपाठी ने पढ़ा
कभी भी मजहबो के नाम पर पंगा नहीं होगा
यकीनन आचरण से व्यक्ति फिर नंगा नहीं होगा
अजा और आरती मिल जाए आपस में गले तो फिर
सियासत लाख चाहे मुल्क में दंगा नहीं होगा

मुशायरे की सदारत मौलाना डॉक्टर यासीन उस्मानी ने की एवं निजामत देश के बड़े शायर नदीम फर्रुख ने की।



मुख्य अतिथि धर्मेंद्र यादव एवं जिला अध्यक्ष प्रेमपाल सिंह यादव ने सभी कवियों और शायरों का शॉल उड़ाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। रसाज ग्रुप के चेयरमैन हाजी रईस अहमद ने सभी कवियों और शायरों का विशेष सम्मान किया। साथ ही आशीष यादव पूर्व विधायक, सिनोद शाक्य दीपू भैया पूर्व विधायक, बृजेश यादव पूर्व डीसीबी चेयरमैन, फखरे अहमद शोबी, अवनीश यादव पूर्व ब्लाक प्रमुख, जिला महासचिव यासीन गद्दी ने कवियों और शायरों का सम्मान किय। समाजवादी युवजन सभा के जिला अध्यक्ष भानु प्रकाश यादव, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के जिलाध्यक्ष वाले चौधरी, सपा जिला सचिव सोमेंद्र यादव, सपा नगर अध्यक्ष  फरहत अली, जिला उपाध्यक्ष  शशांक यादव ने सम्मान के रूप में कवियों को बैज़ लगाया। 
इस अवसर पर दातागंज विधानसभा अध्यक्ष विवेक यादव, ओमवीर सिंह, जिला कोषाध्यक्ष नरोत्तम कश्यप, जिला उपाध्यक्ष नजर मोहम्मद, महिला सभा के जिला अध्यक्ष संतोष कश्यप, लोहिया वाहिनी जिला अध्यक्ष  नरोत्तम यादव, छात्र सभा जिला अध्यक्ष वैभव उपाध्याय, प्रदेश सचिव लोहिया वाहिनी राजू यादव, अमित चौधरी संजय यादव पिंकू, पीयूष शर्मा, संजीव यादव जहांगीर खान, प्रभात अग्रवाल समेत पूरे जनपद  से हजारों की संख्या में श्रोता देर रात तक का  काव्य रस में डुबकी लगाते रहे। सद्भावना कमेटी के प्रभारी मुनीर अहमद पूर्व दर्जा राज्यमंत्री ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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