लेख: जनसभा में सलीम शेरवानी को बुलाकर साइड हो गये मुस्लिम खाँ, मुशायरे में भी रहे नदारद

बदायूँ जनमत। विगत 16 अक्टूबर को पूर्व विधायक हाजी मुस्लिम खाँ ने ककराला में भारी जनसभा का आयोजन कराया था। जिसमें मुख्यातिथि के रूप में पूर्व सांसद सलीम शेरवानी ने शिरकत की थी। तभी से समाजवादी पार्टी में पूर्व विधायक हाजी मुस्लिम खाँ और समाजवादी पार्टी के कुछ शीर्ष नेताओं में अंदरूनी कलह बड़ती गई। इसकी पुष्टि उस समय और हो गई जब इस्लामियां कॉलेज के मैदान में सद्भावना कमेटी द्वारा मुशायरे का आयोजन कराया गया था और मुस्लिम खां व उनके समर्थक नदारद रहे थे। उस समय मुस्लिम खां का मुशायरे में न होना चर्चा का काफी विषय भी बना था। 
बैसे सलीम शेरवानी ने इकलौते मुस्लिम खां को साइड नहीं कराया, पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लग्गड़ नेता, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और दातागंज से संभावित प्रत्याशी आतिफ खां जख्मी का भी टिकिट कटवाकर उनका भविष्य चौपट कर दिया। लोगों का मामना है कि पूर्व विधायक हाजी मुस्लिम खां ने अपनी सभा में सलीम शेरवानी को बुलाकर खुद अपने पैर में सियासी कुल्हाड़ी मार ली। 
बता दें कि पूर्व सांसद सलीम शेरवानी एक ऐसे मुस्लिम नेता हैं जिन्हें उनकी ही क़ौम अब उन्हें अपना नेता नहीं मानती। ऐसे में पूर्व विधायक ने अपनी भारी जनसभा में बुलाकर उनका तो जीर्णोद्धार कर डाला लेकिन, अपना नुकसान कर लिया। शायद पूर्व विधायक इस लालच में थे कि पूर्व सांसद सलीम शेरवानी सपा सुप्रीम अखिलेश यादव से उनके लिए टिकिट की शिफारिश कर दें। लेकिन, सियासत में शेरवानी का क़द अब क्या हैं यह किसी से छिपा नहीं है। 
फाइल फोटो : जनसभा के बाद पूर्व सांसद सलीम शेरवानी के साथ पूर्व विधायक हाजी मुस्लिम खाँ व अन्य : जनमत एक्सप्रेस।  


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