कुईया से पुरानी ईंटे निकाल रहे व्यक्ति पर भरभराकर गिरी मिट्टी की धांग, रेस्क्यू कर निकाला गया

बदायूँ जनमत। जैतपुर निवासी बिहारी लाल पुत्र ख्यालीराम जिसके तीन पुत्र हैं। रविवार शाम घर में यह फैसला लिया गया की उसके खेत में जो पुरानी कुईयाँ है उसकी ईटें निकाल ली जायें। बताया जा रहा है कि बिहारीलाल का समर्सेबिल कनेक्शन मंजूर हो गया था, और वह नए बोरिंग की तैयरी कर रहा था। जिसमें ईटों की जरूरत थी बिहारी के लड़के नहीं चाहते थे कि कुईयाँ में लगी पुरानी ईटें निकाली जायें। लेकिन, बिहारीलाल जिद्द पर अड़े हुए थे कि कुएं की पुरानी ईटों को निकालकर बोरिंग के उपयोग में लायीं जायें। सोमवार को दोपहर लगभग 11 बजे बिहारीलाल और उनके तीन लड़के केदारी, मुन्नालाल, सत्यपाल पुरानी कुईयाँ पर पहुंचे और ईटों को निकालने का प्रत्यन करने लगा। बताया जा रहा है यहाँ खेत पर भी तीनों लड़कों ने कुएं की जर्जर हालत को देखते हुए एक बार फिर अपने पिता बिहारीलाल से मना किया। लेकिन बिहारीलाल नहीं माना और रस्से के सहारे कुएं में उतर गया। उसकी इस जिद्द से दो लड़के नाराज होकर मौके से चले गये। जबकि छोटा पुत्र सत्यपाल वहीं रह गया और उनकी मदद करने लगा। दस मिनट के बाद ही जर्जर कुईयाँ में लगी ईटें भरभराकर बिहारीलाल के ऊपर जा गिरीं। वहीं ईटों के पीछे लगी मिट्टी की धांग भी उसके ऊपर जा गिरीं। जिससे वह लगभग बीस फुट गहरी कुएं में दब गया। यह मंजर देखकर वहां मौजूद सत्यपाल के होश उड़ गये और वह बेसुध होकर चीखने लगा। जिससे आस पसोड़ के खेतों पर काम कर रहे लोग मौके पर पहुँच गए और बिहारी लाल को बचाने के लिए प्रयास करने लगे। लेकिन, उसके ऊपर मलबा इतना था की हाथों से हटाना मुश्किल था तभी किसी ने थाना फैज़गंज बेहटा पुलिस को फ़ोन द्वारा सूचना दे दी जिसके बाद थानाध्यक्ष सुरेश चन्द्र गौतम भारी पुलिस के साथ मौके पर पहुँच गए और रेस्क्यू करने का प्रयास किया। उन्होंने आनन फानन में दो जेसीबी मशीन भी घटना स्थल पर बुला लीं जिनके द्वारा लगातार छह घंटे तक रेस्क्यू आपरेशन के द्वारा बिहारीलाल को बचाने का भरसक प्रयास किया गया। लेकिन, अथक प्रयास के बाबजूद भी मिट्टी की धांग की नीचे दबे बिहारीलाल को नहीं बचाया जा सका। रेस्क्यू अॉपरेशन से निकले बिहारीलाल को एम्बुलेंस में डालकर सीएचसी आसफपुर ले जाया गया। जहाँ मौजूद डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गाँव वालों के मुताबिक बिहारीलाल बेहद मेहनतकश किसान थे जिनके पास लगभग 40 बीघा जमीन है लेकिन उनका स्वभाव जिद्दी किस्म का था और यही कारण हुआ की परिवार वालों के लाख समझाने के बाद भी बिहारी लाल अपनी जिद्द से तस से मस नहीं हुआ और कुएं में घुसकर अपनी जान गवां बैठा।पूरे रेस्क्यू आपरेशन में ग्राम जैतपुर व आस पड़ोस के ग्रामों के सैकड़ों ग्रामीण मदद के लिए मौजूद रहे। यह पूरा रेस्क्यू आपरेशन बिसौली के तहसीलदार अशोक कुमार सैनी के नेतृत्व में चलाया गया। बिहारी लाल की मौत के बाद उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है।


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