प्रत्याशियों के साथ आबिद और धर्मेंद्र का नसीब भी EVM में कैद, किसकी होगी जमानत जब्त.??

बदायूँ जनमत। यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण भी आज 14 फरवरी को संपन्न हो गया। जिसके चलते प्रत्याशियों का नसीब (भविष्य) ईवीएम में कैद है। कौन बनेगा सिकंदर इसका फैसला आगामी 10 मार्च को होगा। 
दस मार्च को बदायूं के दो कद्दावर नेताओं के नसीब का भी फैसला होना है। एक समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव और एक पूर्वमंत्री आबिद रज़ा, आबिद रज़ा ने टिकिट न मिलने पर सपा से बगावत कर विरोधी दलों के प्रत्याशियों का खुलकर समर्थन किया था। लोग उन्हें विपक्ष का स्टार प्रचारक भी कहने लगे, बदायूं के अलावा वह बरेली तक विपक्ष के प्रत्याशियों के पक्ष में सभाएं करने गये। बदायूं में भी उन्होंने बसपा के प्रत्याशियों में जान ड़ाल दी और उन्हें जीत की सीमा पर लाकर खड़ा कर दिया। 
इतना ही नहीं उन्होंने सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को खुली चुनौती तक दे ड़ाली और, नई सपा का विरोध करने का ऐलान किया था। जिसके चलते धर्मेंद्र यादव ने भी जिले की दो सीटों पर अपनी पूरी ताकत झोंक ड़ाली। उन्होंने कभी अपने चुनाव में इतनी मेहनत और सभाएं नहीं कीं जितनी आबिद रज़ा के विरोध के चलते करनीं पड़ीं। अब किसमें कितना है दम और किसकी होगी जमानत जब्त इसका फैसला दस मार्च को होगा।


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