अॉल इंडिया मुशायरा : बहुत भटके हैं घर जाना है हमको, तुम्हारे बाद मर जाना है हमको

बदायूँ जनमत। एचके स्कूल ककराला और बज़्मे अदब बदायूं की जानिब से ककराला के एक मैरिज लॉन में अॉल इण्डिया मुशायरे का आयोजन हुआ। जिसमें दूर दराज से आये शायरों ने शमां बांध दिया। मुशायरे की अध्यक्षता अंतर्राष्ट्रीय शायर हसीब सोज़ ने की मुख्यातिथि के रूप में साजिद ठेकेदार व विशेष अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित मास्टर आकिल खांन रहे। आग़ाज शरफ नानपारबी ने हम्दो नात से किया, जिसका संचालन (निज़ामत) वसीम नादिर ने की।
शीराज़ ककरालवी ने पढ़ा -
तुमसे मिलने का बहुत मन है मगर ठीक नहीं,
इतनी सर्दी में अभी लंबा सफर ठीक नहीं। 

अमरोहा से आये नवेद अंजुम ने पढा -
तुम्हारी बेवफ़ाई पर मैं अकसर सोच लेता हूँ, 
कबाड़ी को कोई पहचान हीरे की नहीं होती। 

कमल किशोर हाथवी ने कहा -
हवा से कह दो यूं खुदको आज़मा के दिखाए, 
बहुत चिराग़ बुझाए हैं इक जला के दिखाए। 

चिराग़ शर्मा ने पढा - 
किसे खबर थी के दरवाजा भी खुला हुआ है, 
सभी का ध्यान तो दीवार की दरार पे था। 

रेख्ता संस्था की ओर से दिल्ली से आये शायर ने कहा -
बहुत भटके हैं घर जाना है हमको, 
तुम्हारे बाद मर जाना है हमको। 

अज़हर इक़बाल ने कहा -
किसी के हुस्न पर जादू बयानी कर न पाए, 
जो करना था वो लफ्ज़ों के बयानी कर न पाए। 

इसके अलावा आग़ाज साकी, आकिब सोज़, सलमान सईद, बाल मोहन पाण्डेय, फईम बरेलवी, विनीत आशना आदि शायरों ने भी अपनी शायरी से जमकर वाह वाही लूटी। अंत में मुशायरे की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ शायर हसीब सोज़ ने भी शेर सुनाये। 
इस मौके पर बाबू खाँ, अल्तमश आरिफ एडवोकेट, चाँद मियाँ, मोहम्मद आरिश, नबील मुशर्रफ, अमन, मोहम्मद जीशान, अरशद उमर बदायूँनी, उमर कुरैशी एडवोकेट, मास्टर नदीम, मास्टर आमिल, अनीस क़ल्ब, वसीम नादिर साहब के पुत्र अदील वसीम, डॉ अज़ीम, नदीम, फहीम, आलम आदि मौजूद रहे। 



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